Makkhan Grass: पशुपालकों को अपने मवेशियों का खास ध्यान रखना चाहिए. खासकर सर्दियों में, जब मवेशी ज्यादा जल्दी बीमारियों की चपेट में आते है. बीमरियों से बचाने के लिए उन्हें अच्छा चारा खिलाना बहुत जरूरी है. अच्छा चारा खिलाने से दूध का उत्पादन भी बढ़िया रहता है. हालांकि, सर्दियों में हरा चारा पशुपालकों के लिए एक बड़ी समस्या है, जो कई बार दूध उत्पादन पर असर डालता है. अगर किसान अपनी गाय-भैंस का अच्छा चारा खिलाएं, तो दूध उत्पादन बढ़ भी सकती है.
इस खबर में हम आपको हरी घास के एक ऐसे चारे के बारे में बताएंगे, जिसे अपने पशुओं को खिलाने से उनकी दूध उत्पादन क्षमता 20-25 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी. वैसे तो किसान सर्दियों में अपने पशुओं को हरे चारे में बरसीम खिलाते हैं, लेकिन अगर इसकी जगह पशुओं को मक्खन ग्रास खिलाई जाए, तो दूध का उत्पादन 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा. मक्खन घास की खास बात ये है की यह तेजी से बढ़ती है और इसमें कीट भी नहीं लगता.
मक्खन ग्रास की बुवाई का समय
पशु विशेषज्ञों की मानें तो मक्खन ग्रास सर्दियों का चारा होता है, इसकी बुवाई अक्टूबर से दिसंबर महीने में की जाती है. अगर इसे आपने अक्टूबर महीने में बुवाई की है तो 35-40 दिनों में पहली कटाई मिल जाती है. जबकि, दूसरी कटाई 20-25 दिनों में मिल जाती है. इस तरह मक्खन घास से पांच-छह कटाई मिल जाती है. जिसे किसान आसानी से अपने पशुओं को खिला सकते हैं.
मक्खन घास बीज दर एक किलो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से लगता है. क्योंकि ये बरसीम के बुवाई के समय में बोया जाता है तो बरसीम की तुलना में अगर आप अपने पशुओं को मक्खन घास खिलाते हैं तो 20-25 प्रतिशत तक दूध का उत्पादन बढ़ जाता है. इसमें 14-15 प्रतिशत प्रोटीन होता है. अगर आप इसका बीज खरीदना चाहते हैं तो किसी भी दुकान पर मक्खन घास के बीज खरीद सकते हैं.
किसानों को भा रहा मक्खन ग्रास
बता दें कि चार साल पहले मक्खन घास की शुरूआत पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों में हुई थी. जहां, शुरुआत में इस घास को दो हजार किलो बीज बोए गए थे. वहीं, आज अकेले पंजाब 100 मीट्रिक टन बीज लगते हैं. पंजाब-हरियाणा जैसे राज्यों में किसानों ने इस घास का 150 टन बीज खरीदा है. मक्खन घास पशु की सेहत के लिए बहुत बढ़िया होती है. इसका बीज मार्केट में 400 रुपए किलो में मिलता है.
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