Lumpy Virus Alert: पशुपालकों और किसानों भाइयों के लिए एक जरूरी खबर है. देश में लंपी वायरस का खतरा एक बार और बढ़ गया है. गायों की बीमारी लंपी मई महीने में एक बार फिर अपने पैर पसार सकती है. इसकों लेकर 16 राज्यों में अलर्ट भी जारी किया गया है. इस बीमारी से पिछले साल देश में पशुधन को काफी नुकासन हुआ था. कम समय में ही इस बीमारी से सैकड़ों गायों की मौत हो गई थी.
दूसरे देशों से आई ये बीमारी देशभर के कई राज्यों में अपना प्रभाव दिखा चुकी है. इस बीमारी के फैलने का मुख्य कारण मच्छर और मक्खी हैं. वहीं, अब एक बार फिर इस बीमारी को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. ऐसे में पशुपालकों और किसानों को सावधान रहने की जरूरत है.
बता दें कि ICAR-NIVEDI की ओर से ये अलर्ट जारी किया गया है.राष्ट्रीय पशु चिकित्सा महामारी विज्ञान और रोग सूचना विज्ञान संस्थान (NIVEDI) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के तहत एक प्रमुख संस्थान है, जो पशु चिकित्सा महामारी विज्ञान और रोग सूचना विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान, प्रशिक्षण और शिक्षा के लिए समर्पित है.
इन राज्यों में लंपी का अलर्ट जारी
NIVEDI संस्थान ने 16 राज्यों के 61 शहरों में लंपी के फैलने की चेतावनी दी है. इसमे सबसे ज्यादा राज्यो कर्नाटक के 10 और उत्तराखंड के नौ शहर शामिल हैं. वहीं झारखंड के नौ शहर भी इसमे शामिल हैं. इसके साथ ही असम के सात, केरल छह, गुजरात के चार शहर शामिल हैं. साथ में मध्य प्रदेश, राजस्थान, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, बिहार और हरियाणा भी इस लिस्ट में शामिल हैं.
कैसे फैलता है लंपी वायरस?
लंपी वायरस, जिसे अधिकांश लोग डेंगू बुखार के रूप में जानते हैं, मच्छरों के काटने से फैलता है. यह बीमारी गंभीर हो सकती है. वैक्सीन के साथ ही बॉयो सिक्योरिटी अपनाकर इस बीमारी से आसानी से लड़ा जा सकता है.
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लंपी वायरस से कैसे करें बचाव?
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मच्छरों के प्रति सावधानी: गायों को मच्छरों से बचाने के लिए, उन्हें समय-समय पर मच्छर और मच्छर काटने से बचाने के उपाय अपनाने चाहिए. इसके लिए गायों के समीप जल जमाव और मच्छरों के लार्वा का नियंत्रण करना जरूरी होता है.
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बचाव के लिए वैक्सीनेशन: गायों को लंपी वायरस से बचाव के लिए वैक्सीनेशन कराना एक प्रमुख उपाय है. यह वैक्सीन उपलब्ध होती है और गायों को लंपी बुखार के खिलाफ संवेदनशील करती है.
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अंगदान की स्थिति की जांच: गायों की अंगदान की स्थिति की नियमित जांच करना आवश्यक है. अंगदान में किसी भी अनियमितता या संकेत के लिए तुरंत वेटरनरी सलाह लेना चाहिए.
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साफ-सफाई: गायों के आसपास की साफ-सफाई का ध्यान रखना जरूरी है. स्थानीय विकासताओं को नियमित रूप से साफ किया जाना चाहिए ताकि मच्छरों का प्रकोप कम हो.
लंपी वायरस संक्रमण के लक्षण
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अचानक बुखार: गाय का अचानक बुखार एक संभावित लक्षण हो सकता है.
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असामान्य थकावट: गाय के असामान्य थकावट का अनुभव हो सकता है.
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उपचार के लिए अनुचित पानी पीना: अक्सर गाय अनुचित पानी पीती हैं या पानी का अधिक प्रयोग करती हैं.
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खाने में अस्वस्थता: गायों का खाना कम कर देना या उनका अपेटाइट कम हो जाना.
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थकान: अनुभव गायों में अनियमितता और असामान्य थकान की समस्या हो सकती है.
यदि आपके गाय में ये किसी भी लक्षण का सामना हो रहा है, तो तुरंत वेटरनरी की सलाह लेना चाहिए ताकि सही उपचार की शुरुआत की जा सके.
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