गिर गाय का दूध एक उत्कृष्ट पशुधन स्रोत है और इसका उपयोग विभिन्न कारणों से अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है. यह दूध न केवल रासायनिक और पोषक तत्वों का एक उच्च स्रोत है, बल्कि इसमें मेंथेन बायोएक्टिव जैसे औषधीय गुण भी होते हैं जो इसे आयुर्वेदिक चिकित्सा में महत्वपूर्ण बनाते हैं. यहां हम आपको इसके कुछ महत्वपूर्ण कारण बताएंगे जिससे आप जान सकेंगे कि यह इतना ज्यादा महत्त्वपूर्ण क्यों है.
कई तरह के पोषण तत्वों से है भरपूर
गिर गाय का दूध पूर्ण पोषण देने वाला है. यह प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन, मिनरल्स और शरीर के लिए आवश्यक अन्य पोषक तत्वों का एक उच्च स्रोत है. इसका नियमित सेवन शरीर को ऊर्जा और संतुलित पोषण प्रदान करता है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि
गिर गाय के दूध में मेंथेन बायोएक्टिव प्रदान करता है, जो विषाणुओं और अन्य कीटाणुओं के खिलाफ संग्रहण करने में मदद करता है. यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है और विभिन्न रोगों से बचाव करने में सहायता प्रदान करता है.
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आयुर्वेदिक चिकित्सा के लिए उपयोगी
गिर गाय के दूध को आयुर्वेदिक चिकित्सा में महत्वपूर्ण माना जाता है. इसमें मेंथेन, ब्राह्मी, आंवला आदि जैसे आयुर्वेदिक औषधीय तत्व होते हैं, जो शरीर के लिए स्वास्थ्यवर्धक होते हैं और विभिन्न रोगों के इलाज में सहायता प्रदान कर सकते हैं.
दिल को स्वस्थ रखने में करता है सहयोग
गिर गाय के दूध में ऑमेगा-3 फैटी एसिड्स मौजूद होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य को मजबूत करने में मदद करता है. इन फैटी एसिड्स का नियमित सेवन हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में सहायता कर सकता है.
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इस प्रकार, गिर गाय का दूध एक संपूर्ण आहार स्रोत के रूप में महत्वपूर्ण है और इसका नियमित सेवन आपके शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ाने और विभिन्न रोगों से बचाने में मदद कर सकता है. आज बाज़ार में इसके दूध और उससे बने उत्पाद हजारों रुपये में बिक रहे हैं. भारत में गिर गाय सबसे ज्यादा गुजरात प्रदेश में पायी जाती है.