
Fish Farming Tips: जुलाई माह में मछली पालकों के लिए बिहार सरकार के मत्स्य निदेशालय द्वारा कुछ जरूरी सुझाव जारी किए गए हैं, जिनका पालन कर मछली उत्पादन को बेहतर बनाया जा सकता है. इन निर्देशों में मछलियों को दिए जाने वाले आहार की मात्रा और उसमें मिलाए जाने वाले पोषक तत्वों की जानकारी दी गई है. खासतौर पर बुढ़ार तालाबों में मछलियों को कुल शरीर भार के अनुसार 2 से 3 प्रतिशत आहार देने की सलाह दी गई है. साथ ही, पूरक आहार में मिनरल मिक्सचर और प्रोबायोटिक्स मिलाने से मछलियों की सेहत और उत्पादन क्षमता में सुधार होगा.
आइए आज के इस आर्टिकल में हम जुलाई माह में मछली पालकों को किन-किन बातों का ध्यान रखना है. इसके बारे में यहां विस्तार से जानते हैं.
मछली के आहार की मात्रा
विभाग की ओर से कहा गया है कि जुलाई माह में बुढ़ार तालाबों में मछलियों को दिया जाने वाला पूरक आहार उनके कुल शरीर भार का 2 से 3 प्रतिशत तक ही होना चाहिए. इससे मछलियों की सेहत बनी रहेगी और तालाब में जल प्रदूषण की संभावना भी कम होगी. यानी की आपको मछली के कुल शरीर भार के अनुसार करें आहार का निर्धारण करना है.
पोषण में मिलाएं मिनरल मिक्सचर और प्रोबायोटिक्स
मछली पालकों को बेहतर परिणाम और स्वस्थ मछली उत्पादन के लिए पूरक आहार में कुछ आवश्यक पोषक तत्व मिलाने की सलाह दी गई है. प्रति किलो पूरक आहार में 10 ग्राम मिनरल मिक्सचर और 5 ग्राम गट प्रोबायोटिक्स का प्रयोग अनिवार्य बताया गया है. यह मिश्रण मछलियों की पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और उनके रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है.
उत्पादन बढ़ाने के लिए सही तकनीक अपनाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि इस मौसम में यदि सही तकनीकों का पालन किया जाए और संतुलित आहार दिया जाए, तो मछली पालन में उत्पादन की गुणवत्ता के साथ-साथ मात्रा भी बेहतर हो सकती है. साथ ही तालाब की साफ-सफाई और जल की गुणवत्ता बनाए रखना भी अत्यंत आवश्यक है.
जुलाई माह में मत्स्य पालकों द्वारा ध्यान देने योग्य बातें।@renu_bjp@Agribih@Dept_of_AHD@IPRDBihar@HorticultureBih@vijayaias#comfed#dairy#pashupalak#fisheries pic.twitter.com/QvBuzAkUcr
— Animal & Fisheries Resources Dept., Bihar (@BiharAFRD) July 4, 2025
सरकार की पहल से बढ़ेगा लाभ
बिहार सरकार द्वारा समय-समय पर मछली पालकों के लिए इस तरह की जानकारियां और दिशा-निर्देश जारी करना, राज्य में मछली उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम है. विभाग की इस पहल से छोटे किसान और मछली पालक लाभान्वित होंगे और उनकी आमदनी में भी वृद्धि होगी.
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