
Calf Care: बछड़े के जन्म के बाद उसकी सही देखभाल बहुत जरूरी होती है, क्योंकि यही समय उसके स्वस्थ विकास की नींव रखता है. बछ़ड़ा चाहे वह गाय का हो या भैंस का, उसे पहले 2 घंटे के भीतर खीस यानी कोलोस्ट्रम पिलाना ज़रूरी होता है. यह दूध नहीं, बल्कि मां के शरीर से निकला वह पहला तरल होता है, जो बछड़े के लिए जीवनरक्षक माना जाता है. इसमें मौजूद इम्युनोग्लोबुलिन यानी एंटीबॉडीज़ बछड़े की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं.
लेकिन कई बार ऐसी स्थिति आती है जब गाय या भैंस की तबीयत खराब होती है या फिर खीस पर्याप्त मात्रा में नहीं बन पाता है. ऐसे में उनके लिए कोलोस्ट्रम का विकल्प अच्छा माना जाता है.
क्या होता है इस पोषक मिश्रण में?
इस खास मिश्रण को बनाने के लिए आपको चाहिए:
- 300 मिलीलीटर गुनगुना पानी
- एक अंडा (अच्छी क्वालिटी का)
- 600 मिली दूध
- आधा चम्मच अरंडी का तेल
- एक चम्मच मछली के लीवर का तेल
- 80 मिलीग्राम ओरियोमाइसिन पाउडर
इन सभी चीजों को अच्छे से मिलाकर बछड़े को दिया जाए तो वह शुरुआती पोषण की भरपाई कर सकता है. यह मिश्रण न केवल इम्यूनिटी को बेहतर बनाता है, बल्कि बछड़े के पाचन और सांस की तकलीफ जैसी समस्याओं को भी काफी हद तक कम करता है.
क्यों है जरूरी?
मिली जानकारी के मुताबिक, बछड़े के जन्म के समय औसत वजन करीब 30 किलो होता है. ऐसे में पशुपलाक एक्सपर्ट सुबह और शाम 1.5-1.5 किलो कोलोस्ट्रम देने की सलाह दी जाती है. यदि कोलोस्ट्रम उपलब्ध न हो, तो यह मिश्रण एक प्रभावी विकल्प हो साबित हो सकता है. इससे पशु के शरीर की ग्रोथ बेहतर होती है और बदलते मौसम के प्रभाव से भी पशु सुरक्षित रहते हैं.
बछड़े की देखभाल केवल खाना नहीं
बछड़े को सिर्फ खुराक देना ही काफी नहीं होता है, बल्कि जन्म के बाद बछड़े को गर्म और सुरक्षित जगह पर रखना भी बेहद जरूरी होता है, ताकि उसे ठंड या बारिश से बचाया जा सके. अक्सर देखा गया है कि बछड़े के जन्म के बाद कई बार बछड़े को सांस लेने में दिक्कत होती है, ऐसे में तत्काल पशु चिकित्सक से संपर्क करना जरूरी होता है.
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