
भारत में पशुपालन एक पारंपरिक व्यवसाय है, जो अब आधुनिक तरीकों के साथ और भी लाभकारी बन चुका है. आज के समय में अधिकतर किसान गाय, भैंस, बकरी और मुर्गी पालन से अच्छी आमदनी कर रहे हैं. लेकिन इस व्यवसाय में सफलता तभी मिलती है जब पशु स्वस्थ और ताकतवर हों. पशुओं के अच्छे स्वास्थ्य के लिए सबसे जरूरी है पोषणयुक्त चारा. आज हम आपको एक ऐसे चारे के बारे में बता रहे हैं जो कम लागत में अधिक पोषण देता है और जिसे आप घर पर ही तैयार कर सकते हैं. हम बात कर रहे हैं अजोला घास की।
क्या है अजोला?
अजोला एक प्रकार की जलीय फर्न घास है, जो पानी में उगती है और दिखने में छोटी-छोटी हरी पत्तियों जैसी होती है. यह घास बहुत तेजी से फैलती है और इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन, खनिज और विटामिन पाए जाते हैं. अजोला मुख्य रूप से पशुओं के लिए एक पोषणयुक्त चारा है, जो उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और दूध उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है. इसे घर या खेत में छोटे पानी टैंक में आसानी से उगाया जा सकता है.
अजोला के फायदे
- प्रोटीन की भरपूर मात्रा: अजोला में करीब 25-30% तक प्रोटीन होता है, जो पशुओं के शरीर के विकास और स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है.
- दूध उत्पादन में वृद्धि: यह चारा दुधारू गायों और भैंसों को देने पर दूध की मात्रा में इजाफा होता है.
- कम लागत वाला चारा: इसे उगाने में ज्यादा खर्च नहीं आता, और इसे घर के आंगन या खेत में बने किसी भी छोटे पानी के टैंक में उगाया जा सकता है.
- पाचन में सहायक: अजोला पशुओं के पाचन तंत्र को मजबूत करता है और उन्हें ऊर्जा प्रदान करता है.
- एंटीऑक्सीडेंट गुण: इसमें कुछ ऐसे तत्व भी होते हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं.
कैसे उगाएं अजोला?
- एक छोटा गड्ढा खोदकर उसमें पॉलीथिन बिछाएं.
- उसमें साफ पानी भरें (गहराई 5-6 इंच).
- उसमें गोबर और मिट्टी मिलाएं ताकि बैक्टीरिया का विकास हो.
- फिर उसमें अजोला कल्चर डाल दें.
- कुछ ही दिनों में अजोला पूरे टैंक में फैल जाएगा.
कैसे खिलाएं अजोला?
अजोला को पशुओं को देने से पहले साफ पानी से अच्छी तरह धो लें, ताकि मिट्टी या गंदगी हट जाए. इसके बाद इसे हरे चारे या भूसे में मिलाकर खिलाया जा सकता है. चाहें तो थोड़ी मात्रा में सीधे भी दिया जा सकता है. गाय-भैंस, बकरी, भेड़, मुर्गी, सुअर आदि सभी पशुओं को अजोला दिया जा सकता है. शुरुआत में थोड़ी मात्रा में दें और धीरे-धीरे मात्रा बढ़ाएं, ताकि पशु इसका स्वाद पहचान सकें.
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