Government Schemes for Women: वैसे तो समाज में महिलाओं को योगदान पुरुषों के बराबर है. लेकिन, समाज में उन्हें वह जगह कभी नहीं मिली, जिसकी वो हकदार थीं. यह वजह है की महिलाओं को समय-समय पर अपने अधिकारों के लिए आवाज उठानी पड़ती है. सामाजिक रूप के महिलाओं के योगदान को समझने और उन्हें बराबरी का हक दिलाने के लिए हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. महिलाओं को समाज में बढ़ावा देने के लिए सरकार भी कई तरह की योजनाएं चलाती है. इन योजनाओं को मकसद महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना है. ताकि, समाज में उनकी क्षमताओं को सामने लाया जा सके.
आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर कृषि जागरण देश-दुनिया की सभी महिलाओं को सलाम करता है. आज की ही इस खबर हम भारत सरकार द्वारा महिलाओं के लिए चलाई जा रही कुछ बेहतरीन योजनाओं के बारे में बात करेंगे. जिनका लाभ हर महिला उठा सकती हैं. महिलाओं के सशक्तिकरण और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए सरकार इन योजनाओं को चला रही है. आइए इन योजनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं.
सुकन्या समृद्धि योजना (sukanya samriddhi yojana)
'सुकन्या समृद्धि योजना' बेटियों के लिए चलाई जा रही भारत सरकार की एक खास योजना है. ताकि, उनकी आर्थिक जरूरतें पूरी हो सकें. अगर किसी बेटी की उम्र 10 साल से कम है, तो उसके माता-पिता उसके नाम पर सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश कर सकते हैं. इस योजना में सालाना कम से कम 250 और अधिक से अधिक 1.5 लाख रुपए तक जमा किए जा सकते हैं. आप अपनी जेब के हिसाब से हर साल उसके लिए इतना पैसा जमा कर सकते हैं, जिससे उसके बड़े होने तक एक बड़ी राशि जमा हो जाए. सुकन्या समृद्धि योजना में 15 सालों तक निवेश करना होता है और 21 साल में यह मैच्योर होती है. इस योजना के जरिए जमा रकम को बेटी की हायर स्टडीज या शादी आदि में खर्च किया जा सकता है. वर्तमान समय में इस योजना पर 8.2 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है.
फ्री सिलाई मशीन योजना (silai machine yojana)
सिलाई-कढ़ाई में रुचि रखने वाली महिलाओं के लिए केंद्र सरकार द्वारा 'फ्री सिलाई मशीन योजना' शुरू की गई है. इस योजना से देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को लाभ मिलता है. इस योजना के तहत, 20 से 40 वर्ष की आयु की महिलाएं आवेदन कर सकती हैं. योजना के लिए आवेदन करने वाली महिलाओं के पति की आय 12 हजार रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए.
उज्ज्वला योजना (ujjwala yojana)
2016 में केंद्र सरकार ने 'प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना' की शुरुआत की थी. इस योजना के अंतर्गत, सरकार गरीब परिवार की महिलाओं को रसोई गैस प्रदान करती है, ताकि चूल्हों में लकड़ी या कोयले को जलाकर खाना बनाने की महिलाओं का स्वास्थ्य बेहतर हो सके.
महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट (Mahila Samman Savings Certificate)
'महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट' महिलाओं के लिए शुरू की गई एक डिपॉजिट स्किम है. इस योजना का मुख्य कारण महिलाओं को आर्थिक सशक्ति प्रदान करना है. इसमें महिलाएं दो लाख रुपये तक की राशि जमा कर सकती हैं. यह राशि दो साल के लिए निवेश की जाती है. इसमें महिलाओं को अच्छे ब्याज दर का लाभ मिलता है. फिलहाल, महिलाओं को इस योजना पर 7.5 प्रतिशत ब्याज दिया जाता है.
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (Pradhan Mantri Matru Vandana Yojana)
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना एक मातृत्व लाभ योजना है. इसके तहत, गर्भवती महिलाओं को जो स्तनपान कराती हैं, उन्हें केंद्र सरकार आर्थिक सहायता प्रदान करती है. योजना के तहत, महिलाओं को 6,000 रुपए की आर्थिक मदद दी जाती है. इस धनराशि को महिलाओं के बैंक खाते में स्थानांतरित किया जाता है. केवल पात्र महिलाएं ही इस योजना का लाभ उठा सकती हैं. गर्भवती महिलाओं की आयु 19 साल से कम नहीं होनी चाहिए. इस योजना के पहले चरण में 1000 रुपए, दूसरे चरण में 2000 रुपए और तीसरे चरण में 2000 रुपए दिए जाते हैं, जबकि आखिरी 1000 रुपए बच्चे के जन्म के समय के लिए अस्पताल में प्रदान किए जाते हैं.
'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' (Beti Bachao Beti Padhao)
इस अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत, हरियाणा में की थी. इस योजना का उद्देश्य बालिका लिंग अनुपात की कमी को रोकना और महिलाओं को सशक्त बनाना है. यह कार्यक्रम महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय और मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा संचालित किया जा रहा है.
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