
बिहार सरकार किसानों को एकीकृत बागवानी विकास मिशन (Integrated Horticulture Development Mission) के अंतर्गत फलदार वृक्षों की खेती करने पर प्रोत्साहित कर रही है. इस योजना के तहत राज्य के किसानों को आम-लीची व केला-पपीता की खेती के लिए बंपर सब्सिडी दे रही है ताकि राज्य में बागवानी किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके और साथ ही राज्य में फलों की पैदावार में भी बढ़ोतरी हो सके. इसी क्रम में राज्य सरकार आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को 50% से 75% तक सब्सिडी उपलब्ध करवा रही है.
बता दें कि यह सब्सिडी केला और पपीता की खेती करने पर दी जा रही है. इससे राज्य में बागवानी क्षेत्र का विस्तार होगा और किसानों को फलों की खेती से अधिक लाभ प्राप्त होगा. ऐसे में आइए आज के इस आर्टिकल में हम बिहार सरकार की इस बेहतरीन स्कीम के बारे में विस्तार से जानते हैं...
फलों की खेती पर आकर्षक अनुदान
- आम और लीची की खेती पर 50 प्रतिशत तक अनुदान
- केला और पपीता की खेती पर 75 प्रतिशत तक अनुदान
आम/लीची की खेती की प्रति हेक्टेयर लागत: ₹2 लाख
केला/पपीता की खेती की प्रति हेक्टेयर लागत: ₹60 हजार
सिंचाई तकनीकों पर मिल रहा 80% अनुदान
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम जैसे माइक्रो इरिगेशन तकनीकों को अपनाने वाले किसानों को 80% तक की सब्सिडी दी जा रही है. इससे जल की बचत, बेहतर उत्पादन और गुणवत्ता सुनिश्चित हो रही है.
किसानों की आय और युवाओं को मिलेगा रोजगार
- बागवानी से किसानों की आमदनी में इजाफा
- फलों की मांग, प्रोसेसिंग और निर्यात के अवसर
- बेरोजगार युवाओं के लिए स्वरोजगार की संभावनाएं
- किसानों को वैज्ञानिक प्रशिक्षण की सुविधा
"बागवानी किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण की कुंजी बन सकती है. पारंपरिक खेती की तुलना में बागवानी अधिक लाभदायक है. सरकार का लक्ष्य बिहार को फल उत्पादन और निर्यात के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है."
योजना से जुड़े लाभ एक नजर में
सुविधा |
लाभार्थी को मिलने वाला अनुदान |
आम/लीची की खेती |
50% (₹1,00,000 प्रति हेक्टेयर) |
केला/पपीता की खेती |
75% (₹45,000 प्रति हेक्टेयर) |
माइक्रो इरिगेशन तकनीक |
80% तक सब्सिडी |
अधिक जानकारी हेतु संपर्क करें
अगर आप बिहार सरकार की इस स्कीम से जुड़ी किसी तरह की अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो इसके लिए आप निकटतम कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), जिला कृषि कार्यालय और राज्य बागवानी निदेशालय, बिहार सरकार से संपर्क कर सकते हैं. ध्यान रहे कि इन स्थानों से ही आप इस स्कीम के लिए आवेदन भी कर सकते हैं.
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