
UP Farmer Subsidy: उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित करने की एक नई पहल शुरू की है. प्रदेश में अब बायो-इनपुट रिसोर्स सेंटर (BRC) खोले जाएंगे, जहां किसान जैविक खेती के तरीके सीख सकेंगे. इन केंद्रों पर जीवामृत, बीजामृत, नीमास्त्र जैसे जैविक उत्पादों की बिक्री भी होगी. राज्य सरकार BRC खोलने के लिए किसानों को 1 लाख रुपये तक की सब्सिडी देगी. इससे खेती में रसायनों का प्रयोग कम होगा और मिट्टी की सेहत सुधरेगी.
बता दें कि राज्य सरकार की यह योजना उन किसानों के लिए है जो जैविक खेती/Organic Farming करना चाहते हैं और अपनी आमदनी बढ़ाना चाहते हैं. आइए इस पहल के बारे में विस्तार से जानें...
क्या है योजना
राज्य सरकार बीआरसी (BRC) खोलने वाले किसानों या किसान उत्पादक संगठनों (FPO) को 1 लाख रुपये तक की सब्सिडी देगी. यह राशि दो किस्तों में दी जाएगी. केंद्रों पर जीवामृत, बीजामृत, घनजीवामृत, नीमास्त्र, आग्नेयास्त्र जैसे जैविक उर्वरक और कीटनाशक उपलब्ध होंगे.
किन्हें मिलेगा लाभ
बीआरसी खोलने के लिए किसानों से आवेदन मांगे गए हैं. चयन जिला स्तरीय कमेटी द्वारा किया जाएगा. जैविक खेती में रुचि रखने वाले या अनुभव प्राप्त किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी.
क्या होगा BRC में
इन केंद्रों पर किसान न केवल जैविक खाद और कीटनाशकों का निर्माण करना सीखेंगे, बल्कि उन्हें इन उत्पादों की बिक्री से आय का साधन भी मिलेगा. साथ ही प्राकृतिक खेती के लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.
क्यों है यह जरूरी
अधिकारियों के अनुसार, रासायनिक खादों के अधिक इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरता घट रही है और पर्यावरण भी प्रभावित हो रहा है. ऐसे में सरकार चाहती है कि किसान पशुधन आधारित, सस्ती और सुरक्षित खेती की ओर लौटें.
फायदे क्या होंगे
- मिट्टी की सेहत में सुधार
- पर्यावरण प्रदूषण में कमी
- खेती की लागत में कटौती
- जैविक उत्पादों की बढ़ती मांग के चलते किसानों की आय में बढ़ोतरी
उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल किसानों को सशक्त बनाने और हरित व स्वच्छ खेती को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इच्छुक किसान आवेदन कर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. राज्य सरकार की इस स्कीम की राशि प्राप्त करने के लिए आपको अपने नजदीकी कृषि विभाग से संपर्क करना होगा.
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