अगर आप किसान हैं और इस बार के खरीफ सीजन में धान की खेती नहीं करना चाहते हैं, तो आज हम आपके लिए एक ऐसी योजना की जानकारी लेकर आए हैं, जो धान की खेती न करने पर आपकी आर्थिक मदद करेगी. जी हां, हम मेरा पानी-मेरी विरासत योजना (Mera Pani Meri Virasat Scheme) की बात कर रहे हैं. इस योजना के तहत किसानों को धान की खेती की जगह अन्य फसलों की बुवाई करने पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. इस योजना से जुड़ी औऱ जानकारी के लिए इस लेख को अंत तक पढ़िए.
क्या है मेरा पानी-मेरी विरासत योजना
हरियाणा सरकार की तरफ से धान की खेती की जगह प्रति एकड़ 400 पेड़ लगाने पर 10 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी. मगर इसके लिए आपको जल्द ही आवेदन करना होगा. क्योंकि मेरा पानी-मेरी विरासत योजना का लाभ उठाने के लिए अंतिम तारीख 15 जुलाई तक की है. इसके अतिरिक्त कपास, मक्का, खरीफ तिलहन, खरीफ दालें, चारा वाली फसलें (Crops) एवं बागवानी की फसलों की खेती करने पर 7 हजार रुपए प्रति एकड़ देने का ऐलान किया गया है. ध्यान दें कि इसके लिए किसानों को धान की खेती छोड़नी होगी.
कैसे मिलेगा लाभ
मेरा पानी-मेरी विरासत योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को अपने क्षेत्र के खंड कृषि अधिकारी कार्यालय में संपर्क करना होगा. इसके बाद रजिस्ट्रेशन करवाना होगा.
कैसे मिलेगा पैसा
-
इस योजना की राशि प्राप्त करने के लिए किसानों (Farmers) को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा एवं मेरा पानी-मेरी विरासत पोर्टल पर जाना होगा.
-
यहां प्रति एकड़ फसल की विस्तृत जानकारी देनी होगी.
-
इसके बाद विभाग वेरीफिकेशन करेगा.
-
इसके बाद पात्र किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.
खाली खेत रखकर भी ले सकेंगे मदद
खास बात यह है कि अगर किसान इस साल अपने खेत में किसी भी फसल की बुवाई नहीं करते हैं, तब भी उन्हें 7 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से दिए जाएंगे. शर्त यह है कि उस खेत में पिछले साल धान की खेती की गई हो.
मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के अन्य लाभ
-
धान की जगह मक्का, बाजरा और दलहन उगाने पर एमएसपी (Msp) पर खरीदी की गारंटी दी जाती है.
-
मुफ्त फसल बीमा का लाभ मिल सकता है.
-
अगर किसान फसल विविधीकरण अपनाते हैं, तो उन्हें सूक्ष्म सिंचाई संयत्र लगाने पर कुल लागत का केवल जीएसटी ही देना होता है.
सरकार ने क्यों चलाई ये योजना
मौजूदा समय की बात करें, तो हरियाणा में जल संकट (Water crisis) है, लेकिन यह प्रमुख धान उत्पादक राज्य भी है. धान की खेती में ज्यादा पानी की जरूरत होती है. जानकारी के अनुसार एक किलो चावल पैदा करने में लगभग 3 हजार लीटर पानी खर्च होता है, इसलिए हरियाणा सरकार पानी बचाने की मुहिम पर कार्य कर रही हैं. हरियाणा के किसान इस समय लगभग 1,26,928 हेक्टेयर में धान की खेती छोड़कर अन्य फसलों की बुवाई कर रहे हैं.
अगर आप भी पानी बचाना चाहते हैं, तो हरियाणा सरकार की इस योजना से जरूर जुड़े . इसके लिए आपके पास कुछ ही दिन शेष हैं. एक बार फिर बता दें कि इसके लिए आप मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.
केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा चलाई जा रही ऐसी ही योजनाओं संबंधित लेटेस्ट अपडेट्स जानिए कृषि जागरण की हिंदी वेबसाइट पर उपलब्ध लेखों द्वारा .