कोरोना महामारी ने लोगों की आर्थिक स्थिति को बहुत प्रभावित किया है. देश में गरीब लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में केंद्र सरकार भी काफी सतर्क हो गयी है, इसलिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) की शुरुआत की है. इसके तहत देश के सभी जरुरतमंद लोगों को मुफ्त में राशन दिया जा रहा है.
बता दें कि साल 2020 में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन और वैश्विक महामारी COVID-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई के बीच केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गरीबों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी. कोरोना काल के दौरान जब लॉकडाउन लगाया गया, तब दिहाड़ी मजदूरों की स्थिति, किसानों और श्रमिकों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार ने गरीबों को राहत पैकेज देने का फैसला किया था.
प्रति व्यक्ति को मिलता है 5 किलो अनाज (Per Person Gets 5 Kg Of Grain)
इस योजना के तहत गरीब और असहाय लोगों की रोजी रोटी की सुविधा के लिए मुफ्त में हर माह 4 किलोग्राम गेहूं और 1 किलोग्राम चावल दिया जाता है. बता दें कि गरीब कल्याण अन्न योजना का मकसद कोरोना महामारी द्वारा हुए तनाव को कम करना है. शुरुआत में इस योजवा को अप्रैल-जून 2020 की अवधि के लिए लॉन्च किया गया था. मगर इसके बाद में योजना को 30 नवंबर तक बढ़ा दिया गया था. अब इस योजना को मार्च 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया है.
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32 करोड़ से ज्यादा गरीबों को मिली सहायता राशि (More Than 32 Crore Poor Got Assistance Amount)
केंद्रीय वित्त मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PM Garib Kalyan Yojana) के तहत अभी तक देश के 32 करोड़ से भी ज्यादा जरूरतमंदों को 29,352 करोड़ रुपये की राशि मिल चुकी है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा गरीब कल्याण योजना की घोषणा की गई थी. इस योजना का उद्देश्य गरीबों और जरूरतमंदों की आर्थिक मदद करना है. बता दें कि कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है. ऐसे में केंद्र सरकार की यह योजना बहुत लाभकारी साबित हुई.
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