Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 8 October, 2020 12:00 AM IST

किसानी में फसल की सिंचाई का एक प्रमुख स्थान है. अगर फसल सिंचाई में उन्नत तकनीकी का इस्तेमाल किया जाए, तो किसान पानी की अच्छी बचत कर सकते हैं. इससे कृषि लागत में भी कमी आती है, तो वहीं फसल से भरपूर उत्पादन भी मिलता है और किसानों की अच्छी आमदनी होती है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के किसानों को कृषि विशेषज्ञों ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना समेत उन्नत खेती की जानकारी दी है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि कम पानी में फसल की बेहतर ढंग से सिंचाई की जा सकती है. इसके लिए किसान स्प्रिंकलर यानी फव्वारा विधि अपना सकते हैं. बता दें कि किसानों को स्प्रिंकलर पाइप खरीदने पर प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत सब्सिडी भी मिल जाएगी.

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत सब्सिडी

इस योजना के तहत सामान्य किसानों को 80 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाती दी है, तो वहीं लघु और सूक्ष्म किसानों को 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है. इस योजना में प्रथम आवक प्रथम पावक का सिद्धांत लागू किया गया है. इसके लिए किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. किसानों को पंजीकृत फर्म से स्प्रिंकलर पाइप खरीदने के बाद आवेदन के साथ बिल दफ्तर में जमा करना होता है. जब आवेदन स्वीकृत हो जाता है, तो किसानों को लागत पर 80 से 90 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है.

स्प्रिंकलर विधि से सिंचाई

इस विधि से भूमि को समतल किए बगैर अच्छे ढंग से खेत की सिंचाई कर सकते हैं. यह प्रणाली ढलान और ऊंचे-नीचे स्थान पर सिंचाई के लिए काफी कारगर मानी गई है. इस विधि से लहसुन, अदरक, फूलगोभी, पत्तागोभी, आलू, मटर, प्याज, ब्रोकली, स्ट्राबेरी, मूंगफली, सरसों, पत्तेदार, सब्जियों, दाल, चाय और नर्सरी की सिंचाई की जा सकती है. इससे फसल का उत्पादन अच्छा होता है.

English Summary: Pradhan Mantri Krishi Sichai Yojana will get 90% subsidy
Published on: 08 October 2020, 09:49 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now