भारत किसानों का देश है. यहां की तकरीबन 60 % आबादी प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है.
गौरतलब है कि विभिन्न प्राकृतिक समस्याओं की वजह से हर साल किसानों को बहुत ज्यादा नुकसान का सामना करना पड़ता है. कभी बाढ़ की वजह से तो कहीं सूखा पड़ने के चलते किसानों को आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ता हैं. कम बारिश या जरूरत से ज्यादा बारिश भी किसानों की फसलों को बर्बाद कर देती है. परिणामस्वरूप उनकी सारी मेहनत भी बेकार हो जाती है. समस्या यह है कि ऐसी स्थिति में किसान आर्थिक तौर पर कमजोर हो जाता है. इसी समस्या के मद्देनजर मोदी सरकार ने जनवरी 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) की शुरुआत की थी. यह योजना उन किसानों पर प्रीमियम का बोझ कम करने में मदद करती है. इसके साथ ही जो किसान अपनी खेती के लिए ऋण लेते हैं और खराब मौसम की वजह से उनकी फसल बर्बाद हो जाती है उनकी रक्षा करेगी.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के लाभ
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किसानों द्वारा सभी खरीफ फसलों के लिए केवल 2% एवं सभी रबी फसलों के लिए 1.5% का एक समान प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है. तो वहीं वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के मामले में प्रीमियम केवल 5% देना होगा.
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किसानों द्वारा भुगतान किये जानेवाले प्रीमियम की दरें बहुत ही कम हैं और शेष प्रीमियम का भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है ताकि किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं में फसल हानि के लिए किसानों को पूर्ण बीमित राशि प्रदान की जाए.
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सरकारी सब्सिडी पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है. भले ही शेष प्रीमियम 90% हो, यह सरकार द्वारा वहन किया जाता है.
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इससे पहले, प्रीमियम दर पर कैपिंग का प्रावधान था जिससे किसानों को कम कम दावे का भुगतान होता था. अब इसे हटा दिया गया है और किसानों को बिना किसी कटौती के पूरी बीमित राशि का दावा मिलता है.
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काफी हद तक प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित किया गया है. दावा भुगतान में होने वाली देरी को कम करने के लिए फसल काटने के डेटा को एकत्रित एवं अपलोड करने हेतु स्मार्ट फोन, रिमोट सेंसिंग ड्रोन और जीपीएस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है.
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बीमा योजना को एक मात्र बीमा कंपनी, भारतीय कृषि बीमा कंपनी (एआईसी) द्वारा नियंत्रित किया जाता है.
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पीएमएफबीवाई राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एनएआईएस) एवं संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एमएनएआईएस) की एक प्रतिस्थापन योजना है और इसलिए इसे सेवा कर से छूट दी गई है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY ) का उद्देश्य
- प्राकृतिक आपदाओं, कीट और रोगों के परिणामस्वरूप अधिसूचित फसल में से किसी की विफलता की स्थिति में किसानों को बीमा कवरेज और वित्तीय सहायता प्रदान करना.
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कृषि में किसानों की सतत प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए उनकी आय को स्थायित्व देना.
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किसानों को कृषि में नवाचार एवं आधुनिक पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना.
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कृषि क्षेत्र में ऋण के प्रवाह को सुनिश्चित करना.
विशेष वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप्प
भारत सरकार ने हाल ही में बेहतर प्रशासन, समन्वय, जानकारी के समुचित प्रचार-प्रसार और पारदर्शिता के लिए एक बीमा पोर्टल शुरू किया है. इसके अलावा एक एंड्रॉयड आधारित "फसल बीमा ऐप्प" भी शुरू किया गया है जो फसल बीमा, कृषि सहयोग और किसान कल्याण विभाग (डीएसी एवं परिवार कल्याण) की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है.
PMFBY का फॉर्म कहां से प्राप्त करें?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के लिए ऑफलाइन (बैंक जाकर) और दूसरा ऑनलाइन, दोनों तरीके से फॉर्म लिए जा सकते हैं. फॉर्म ऑनलाइन भरने के लिए आप इस लिंक पर जा सकते हैं- http://pmfby.gov.in/
PMFBY के लिए किन दस्तावेजों जरूरत होती है?
- किसान की एक फोटो
- किसान का आईडी कार्ड (पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड)
- किसान का एड्रेस प्रूफ (ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड)
- अगर खेत आपका अपना है तो इसका खसरा नंबर / खाता नंबर का पेपर साथ में रखें.
- खेत में फसल की बुवाई हुई है, इसका सबूत पेश करना होगा.
- इसके सबूत के तौर पर किसान पटवारी, सरपंच, प्रधान जैसे लोगों से एक पत्र लिखवा ले सकते हैं.
- अगर खेत बटाई या किराए पर लेकर फसल की बुवाई की गयी है, तो खेत के मालिक के साथ करार की कॉपी की - फोटोकॉपी जरूर ले जायें. इसमें खेत का खाता/ खसरा नंबर साफ तौर पर लिखा होना चाहिए.
- फसल को नुकसान होने की स्थिति में पैसा सीधे आपके बैंक खाते में पाने के लिए एक रद्द चेक लगाना जरूरी है.
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