जहरीले कीटनाशक और उर्वरकों वाली खेती छोड़ने के लिए की गई पीएम नरेंद्र मोदी की अपील रंग लाने लगी है. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अनुसार देश में अब तक 19,00,720 किसान जैविक खेती (Organic Farming) से जुड़ चुके हैं. जिसमें पहले नंबर पर मध्य प्रदेश है. जैविक खेती को बढ़ावा देने पर सरकार जोर दे रही है. इसके लिए PKVY (Paramparagat Krishi Vikas Yojana) बनाई है. जिससे आपको प्राकृतिक खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये मिलेंगे. केंद्र सरकार ने इसके लिए 1632 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.
जैविक खेती के लिए 50 हजार रुपये की सहायता
परंपरागत कृषि विकास योजना (Paramparagat Krishi Vikas Yojana) के तहत केंद्र सरकार 3 साल के लिए प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये की सहायता जैविक खेती के लिए दे रही है. इसमें से 31,000 रुपये जैविक खाद, जैविक कीटनाशकों और वर्मी कंपोस्ट आदि खरीदने के लिए तय किए गए हैं. अधिक जानकारी के लिए किसान https://pgsindia-ncof.gov.in/pkvy/index.aspx पर विजिट कर सकते है.
आर्गेनिक खेती के लिए जरूरी है सर्टिफिकेशन
आपका का जैविक उत्पाद तभी बिकेगा जब आपके पास इसका प्रमाण पत्र होगा कि आपकी फसल जैविक ही है. इसके सर्टिफिकेशन की एक प्रक्रिया है. इसके लिए आवेदन करना होता है. फीस देनी होती है. प्रमाण पत्र लेने से पहले मिट्टी, खाद, बीज, बुवाई, सिंचाई, कीटनाशक, कटाई, पैकिंग और भंडारण सहित हर कदम पर जैविक सामग्री जरूरी है. आपने उत्पादन के लिए जैविक चीजों का ही इस्तेमाल किया है इसके लिए इस्तेमाल की गई सामग्री का रिकॉर्ड रखना होता है. इस रिकॉर्ड की प्रमाणिकता की जांच होती है. उसके बाद ही खेत व उपज को जैविक होने का सर्टिफिकेट मिलता है. इसे हासिल करने के बाद ही किसी उत्पाद को ‘आर्गेनिक प्रोडक्ट’ की औपचारिक घोषणा के साथ बेचा जा सकता है. एपिडा (Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority) ने आर्गेनिक फूड की सैंपलिंग और एनालिसिस के लिए 19 एजेंसियों को मान्यता दी है.
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