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Mukhyamantri Krishi Vidyut Sambandh Yojana: बिहार सरकार किसानों के हित में लगातार नई योजनाएं चला रही है, जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि हो और वे आधुनिक तकनीकों को अपनाकर कृषि कार्यों को सुगम बना सकें. इसी दिशा में ‘मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना’ चलाई जा रही है, जिसके तहत किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त में बिजली कनेक्शन दिया जा रहा है. राज्य सरकार की यह स्कीम बिहार के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. दरअसल, मुफ्त बिजली कनेक्शन और सस्ती दरों पर बिजली मिलने से किसानों को खेती में काफी सुविधा हो रही है.
राज्य के किसानों को ‘मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना’ के तहत मात्र 55 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे डीजल की तुलना में सिंचाई की लागत करीब 10 गुना सस्ती हो गई है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की सिंचाई संबंधी समस्याओं का समाधान करना और कृषि उत्पादन क्षमता को बढ़ाना है. ऐसे में आइए बिहार सरकार की इस स्कीम के बारे में यहां विस्तार से जानते हैं...
सरकार का हर खेत को पानी देने का संकल्प
बिहार सरकार ने ‘मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना’ के माध्यम से किसानों के खेतों तक मुफ्त बिजली कनेक्शन पहुंचाने की व्यवस्था की है, जिसमें सरकार की तरफ से कई प्रावधान तय किए गए हैं, जो कुछ इस प्रकार से हैं..
- कम लागत पर सिंचाई के लिए बिजली दरें काफी कम रखी गई हैं.
- ऊर्जा विभाग ने इस योजना के तहत कई बड़े कदम उठाए हैं.
- चतुर्थ कृषि रोडमैप के तहत सितंबर 2026 तक राज्य के 8.40 लाख किसानों को कृषि विद्युत कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है.
- राज्य में अब तक 5.42 लाख किसानों को यह कनेक्शन दिया जा चुका है.
- इच्छुक किसान 28 फरवरी, 2025 तक ‘मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना’ में आवेदन कर सकते हैं.
फ्री में मिलेगा कृषि विद्युत कनेक्शन
जैसा कि आप जानते हैं कि बिहार में 75% से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है. ऐसे में राज्य सरकार ने कम वर्षा वाले क्षेत्रों में 12 घंटे की जगह 16 घंटे तक बिजली देने का निर्णय लिया है. ताकि किसानों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े. सरकार की इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जाएगी. जैसे कि-
- किसानों को निःशुल्क कृषि विद्युत कनेक्शन दिया जा रहा है.
- वर्ष 2024-25 में 1.50 लाख कृषि विद्युत कनेक्शन देने का लक्ष्य दिसंबर 2024 में ही पूरा कर लिया गया है.
- हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए 465 डेडिकेटेड कृषि फीडर बनाए गए हैं.
- 35,098 सर्किट किमी वितरण लाइनों का पुनर्निर्माण किया गया है.
- 93,420 ट्रांसफॉर्मर लगाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है.
किसानों को 55 पैसे प्रति यूनिट बिजली
मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य में किसानों के लिए ऊर्जा विभाग के द्वारा खेतों तक बिजली पहुंचाने के लिए कृषि पावर सब स्टेशन भी तैयार किया जा रहा है, जिससे किसानों को कई तरह की सुविधाएं मिलेगी.
- निःशुल्क बिजली कनेक्शन से किसानों को राहत मिली है.
- सरकार 6.74 रुपये प्रति यूनिट बिजली दर में से 6.19 रुपये अनुदान के रूप में दे रही है.
- इससे किसानों को सिर्फ 55 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल रही है.
- किसान स्थानीय बिजली कार्यालय या ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
सस्ती बिजली से सिंचाई की लागत घटी
मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना से कृषि कार्य आधुनिक और सुलभ हो रहा है.
- सस्ती बिजली से पटवन की लागत घटी है.
- डीजल पंप सेट की तुलना में बिजली पंप सेट 10 गुना सस्ता पड़ा.
- किसानों की आय में वृद्धि हुई है और खेती अधिक लाभदायक बन रही है.
- लागत घटने से कृषि उत्पादन में वृद्धि हो रही है.
योजना में कैसे करें आवेदन?
अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए तरीकों से आवेदन कर सकते हैं:
1. ऑनलाइन आवेदन:
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं.
- आवेदन फॉर्म भरें और जरूरी दस्तावेज अपलोड करें.
- आवेदन जमा करने के बाद रसीद प्राप्त करें.
2. ऑफलाइन आवेदन:
किसानों को नजदीकी बिजली विभाग कार्यालय में जाना होगा. जहां उन्होंने आवेदन फॉर्म भरकर जरूरी दस्तावेज संलग्न करना है. अंत में अधिकारी से सत्यापन कराकर आवेदन जमा करें.
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