
खरीफ सीजन में प्याज की खेती/Onion cultivation करने वाले किसानों के लिए एक राहत भरी खबर है. बिहार सरकार ने खरीफ प्याज की खेती हेतु प्रति हेक्टेयर अनुमानित इकाई लागत 24,500 रुपए निर्धारित की है, जिस पर किसानों को 75% की दर से अनुदान देने का प्रावधान किया गया है. इसका मतलब है कि किसानों को प्रति हेक्टेयर 18,375 रुपए की सीधी सहायता मिलेगी. राज्य सरकार की इस योजना का उद्देश्य प्याज की खेती को बढ़ावा देना और किसानों की लागत को कम करना है, जिससे उनकी आमदनी में इजाफा हो सके.
योजना के तहत अनुदान सीधे किसानों के खाते में दिया जाएगा, ताकि वे गुणवत्ता युक्त बीज, उर्वरक, कीटनाशक और सिंचाई की व्यवस्था में इस राशि का उपयोग कर सकें.
इन जिलों के किसानों को मिलेगा लाभ
खरीफ प्याज की खेती को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार ने राज्य के 18 जिलों में "खरीफ प्याज का क्षेत्र विस्तार योजना" लागू करने का फैसला लिया है. इस योजना का उद्देश्य किसानों की आमदनी बढ़ाना और राज्य में प्याज उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना है. यह योजना बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, दरभंगा, गोपालगंज, लखीसराय, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पटना, रोहतास, समस्तीपुर, सारण, शेखपुरा, सीतामढ़ी, सीवान और वैशाली जिलों में लागू की जाएगी.
क्या है योजना का लाभ?
कृषि विभाग के अनुसार, खरीफ प्याज की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 10 किलो बीज की जरूरत तय की गई है. बीज बिहार राज्य बीज निगम लिमिटेड के माध्यम से 2,450 रुपये प्रति किलोग्राम (या वास्तविक दर, जो कम हो) पर दिया जाएगा. किसानों को बीज और खेती की अन्य लागत मिलाकर प्रति हेक्टेयर अनुमानित लागत 24,500 रुपये मानते हुए 75% अनुदान यानी 18,375 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता दी जाएगी.
खरीफ प्याज की खेती हेतु प्रति हेक्टेयर अनुमानित इकाई लागत ₹24,500 निर्धारित है, जिस पर किसानों को 75% यानि ₹18,375 प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान अनुदान का प्रावधान है।@VijayKrSinhaBih @SanjayAgarw_IAS @BametiBihar @Agribih @AgriGoI#Onion #KharifCrop #CropCare #GovtSchemes… pic.twitter.com/nNIU2irzMe
— Directorate Of Horticulture, Deptt of Agri, Bihar (@HorticultureBih) May 27, 2025
कौन उठा सकता है योजना का लाभ?
- किसान के पास न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.10 हेक्टेयर) और अधिकतम 5 एकड़ (2 हेक्टेयर) भूमि होनी चाहिए.
- गैर-रैयत किसान भी एकरारनामा के आधार पर योजना का लाभ ले सकते हैं.
- आवेदन करते समय भूमि स्वामित्व प्रमाण-पत्र, वंशावली या ऑनलाइन रसीद देना अनिवार्य होगा.
- किसानों को DBT पोर्टल पर पंजीकरण कराना जरूरी है.
आरक्षण और प्राथमिकता
लाभुकों का चयन सामान्य वर्ग के लिए 78.537%, अनुसूचित जाति के लिए 20% और अनुसूचित जनजाति के लिए 1.463% अनुपात में किया जाएगा. हर वर्ग में 30% महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी. कृषि विभाग ने राज्य के सभी योग्य किसानों से अपील की है कि वे इस योजना का लाभ उठाएं और प्याज उत्पादन को नई ऊंचाई पर ले जाएं. यह पहल न सिर्फ किसानों की आय बढ़ाएगी, बल्कि राज्य को भी कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में सहायक होगी.
कैसे करें आवेदन?
किसान उद्यान निदेशालय,कृषि विभाग,बिहार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. चयन ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर किया जाएगा. DBT में पंजीकृत मोबाइल नंबर और बैंक विवरण की जांच पहले से करना जरूरी है.
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