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पशुओं के लिए नहीं होगी हरे चारे की कमी, बंजर जमीन पर उग जाएगी ये घास, सरकार दे रही अनुदान

Napier Grass: हरे चारे के रूप में आप अपने पशुओं को नेपियर घास खिला सकते हैं. ये घास दूध उत्पादन क्षमता बढ़ाने में भी मदद करती है. ऐसे में किसान इसकी खेती कर हरे चारे की कमी को दूर कर सकते हैं.

बृजेश  चौहान
बृजेश चौहान
हरे चारे के लिए निपियर घास की करें खेती (Image Source: Twitter)
हरे चारे के लिए निपियर घास की करें खेती (Image Source: Twitter)

हरा चारा पशुओं के लिए सबसे बेस्ट खुराक होती है. हालांकि, गर्मियों के दौरान इसकी कमी हो जाती है. ऐसे में किसान खुद अपने खेतों में हरी घास उगाकर इसे अपने पशुओं को खिला सकते हैं. हरी घास दुग्ध उत्पादन क्षमता बढ़ाने में भी मदद करती है. इसी वजह से गाय और भैंस का पालन करने किसान अपने पशुओं को हरी घास खिलाते हैं. ऐसे में किसान अपने पशुओं को हरे चारे के रूप में नेपियर घास खिला सकते हैं. इस घास की खास बात ये है इसमें कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो दुग्ध उत्पादन क्षमता को बढ़ाते हैं.

अगर आप भी नेपियर घास उगाना चाहते हैं तो आपके पास सुनहरा मौका है. सरकार इसकी खेती पर अनुदान प्रदान कर रही है. ताकि, किसानों को आसानी से हरी घास उपलब्ध हो और दूध उत्पादन क्षमता बढ़े. इसके साथ ही किसानों को हरे चारे के यहां-वहां नहीं भटकना नहीं पड़ेगा. किसान नेपियर घास को उगाकर अगले कई सालों तक हरे चारे की कमी को दूर कर सकते हैं. यह घास हर समय खेतों में उपलब्ध रहती है और इसे कभी भी काटकर पशुओं को खिलाया जा सकता है.

बंजर जमीन पर भी हो सकती है खेती

बाजरा में मिलने वाली हाइब्रिड किस्मों में नेपियर घास का नाम भी शामिल है. इसकी खेती बंजर जमीन पर भी हो जाती है. जमीन की कमी होने पर खेत की मेड़ों पर भी नेपियर घास उगा सकते हैं. बारिश के मौसम में नेपियर घास उगान से सिंचाई की अलग से जरूरत नहीं होती बल्कि ये चारा फसल 20-25 दिनों में ही पक कर तैयार हो जाती है.इतना ही नहीं, सिर्फ 1 बार इसकी खेती करने से 3-5 साल तक का काम चल जाता है.

ये भी पढ़ें: Hara Chara: गर्मियों में पशुओं को खिलाएं ये हरा चारा, शरीर रखेगा ठंडा, पोषण भी देगा भरपूर

20% तक बढ़ेगा दूध उत्पादन

इस घास की पहली कटाई 45 दिनों में और फिर बाद में हर 25 दिन में इसकी कटाई करते रहें. नेपियर घास में दूध उत्पादन को बढ़ाने और पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिये कई पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं. शुरुआती अवस्था में नेपियर घास में 12-14% शुष्क पदार्थ पाये जाते हैं. इसके सेवन से पशुओं से दूध उत्पादन में 20% तक की बढ़ोतरी होती है. इसके अलावा, प्रोटीन, रेशा, कैल्शियम व फास्फोरस की राख जैसे पोषक तत्वों की खान होती है नेपियर घास. नेपियर घास को रवि खरीफ के साथ-साथ जायद में भी उगाया जा सकता है.

सरकार दे रही अनुदान राशि

हरे चारे की उपलब्धता बढ़ेगी और दुग्ध उत्पादन भी बढ़ेगा नेपियर घास को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान सरकार अनुदान राशि दे रही है. सरकार नेपियर घास के प्रति किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रति किसान 0.10 हे भूमि में नेपियर घास की बुवाई पर 10 हजार रुपए तक का अनुदान दे रही है. अगर आप भी राजस्थान के किसान हैं, तो स्थानिय कृषि अधिकारी या कृषि कार्यालय में जाकर इसकी जानकारी हासिल कर सकते हैं.

English Summary: green fodder for animlas hara chara subsidy on napier grass cultivation Published on: 17 April 2024, 03:10 IST

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