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Updated on: 27 October, 2021 12:00 AM IST
Goat Farming.

बकरी पालन की अगर बात करें तो आमतौर पर छोटे या फिर वैसे किसान जिनके पास खेती-बाड़ी करने के लिए ज्यादा जमीनें नहीं होती थी, वो बकरी पालन किया करते थे, लेकिन बदलते समय के साथ ये भी बदल गया है.

अधिक आमदनी के लिए अधिकतर किसान बकरी पालन जैसे रोजगारों को अपना रहे हैं. बहुउद्देशीय उपयोगिता एवं सरल प्रबंधन पशुपालकों में बकरी पालन की ओर बढ़ती दिलचस्पी का मुख्य कारण है.

भारत में बकरियों की संख्या काफी अधिक है, ऐसे में इसको लेकर रोजगार की संख्या काफी ज्यादा है. जिसमें से अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों के लोग इसमें शामिल होते हैं. छोटे किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत होने की जरुरत ज्यादा होती है. तभी वो किसी रोजगार को करने में सक्षम हो सकेंगे. ऐसे में छोटे किसानों के द्वारा इस रोजगार को चुना जाता है. भारत में होने वाले मांस उत्पादन में बकरी का अधिक योगदान रहा है.

बकरी के दूध और मांस का भारत में उत्पादित कुल दुग्ध और मांस में क्रमशः 3 प्रतिशत (46.7 लाख टन) और 13 प्रतिशत (9.4 लाख टन) हिस्सा है. ये आकड़ा पूरी तरह से यह स्पष्ट करता है कि भारतीय समाज में बकरी पालन का क्या व्यावसायिक महत्व है. बकरी पालन व्यवसाय से लाभ कमाने के लिए बकरियों के पोषण, स्वास्थ्य एवं पज्रनन पर विशेष ध्यान ध्यान दिया जाता है. इस रोजगार को किसानों के लिए और भी लाभकारी बनाने हेतु सरकार ने कई योजनाओं की शुरुआत की है. आइये आपको बताते हैं कुछ ऐसी ही योजना के बारे में.

बकरी पालन ऋण (Goat Farming Loan) एक प्रकार का कार्यशील पूंजी ऋण (Loan) है. किसी भी तरह के रोजगार को शुरू करने में जरुरत पूंजी की होती है, जिसका उपयोग पशुधन प्रबंधन और प्रजनन के लिए किया जाता है. बकरी पालन व्यवसाय (Goat Farming Business) को व्यवसाय (Business) के रूप में शुरू करने के लिए सम्मानजनक राशि की आवश्यकता होती है.

कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने और पैसे की कमी न हो, ग्राहक विभिन्न वित्तीय और सरकारी संस्थानों द्वारा दिए गए बकरी पालन ऋण (Bakri Palan Loan Yojana) का विकल्प चुन सकते हैं. बकरी पालन से उच्च लाभ और राजस्व की संभावनाओं के साथ अधिक लोकप्रिय हो रहा है. यह एक लम्बे समय के साथ एक लाभदायक और टिकाऊ व्यवसाय (Business) है.

वाणिज्यिक बकरी पालन मुख्य रूप से बड़े उद्यमों, व्यापारियों, उद्योगपतियों और उत्पादकों द्वारा किया जाता है. बकरी पालन व्यापारियों के द्वारा यह भी बकरी के नस्लों का भी ख़ासतौर पर ध्यान रखा जाता है. आपको बता दें बकरी पालन दूध, त्वचा और रेशे का प्रमुख स्रोत है. बकरी पालन ऋण (Bakri Palan Loan Yojana) का लाभ उठाकर किसान भूमि खरीद, शेड निर्माण, बकरियां खरीदने, चारा खरीदने आदि जैसे कार्यों को कर अपने रोजगार को आगे बढ़ा सकते हैं.

सरकार ने बकरी पालन व्यवसाय (Goat Farming Business) को शुरू करने के लिए उद्यमियों के लिए कई नई योजनाएं शुरू की हैं और इस योजना को सफल बनाने के लिए सरकार की तरफ से सब्सिडी (Subsidy) दी जा रही है. कुछ प्रमुख बैंक और सरकार बकरी पालन व्यवसाय (Goat Farming Business) शुरू करने के लिए शुरू की गई योजनाओं में निम्नलिखित योजनाएं शामिल हैं.

SBI से बकरी पालन ऋण

आप SBI से बकरी पालन ऋण लेकर अपना रोजगार शुरू कर सकते हैं. आपको बता दें बकरी पालन (Bakri Palan Loan Yojana) के लिए ब्याज दर और ऋण राशि व्यवसाय (Business) की आवश्यकताओं और आवेदक के प्रोफाइल पर निर्भर करेगी. आवेदक को जरुरी है की एक अच्छी तरह से तैयार की गई बकरी पालन व्यवसाय योजना (Bakri Palan Business Yojana) प्रस्तुत करें. 

जिसमें सभी आवश्यक व्यावसायिक विवरण जैसे क्षेत्र, स्थान, बकरी की नस्ल, उपयोग किए गए उपकरण, कार्यशील पूंजी निवेश, बजट, विपणन रणनीति, श्रमिकों का विवरण आदि शामिल हो. आवेदक के योग्य होने के बाद पात्रता मानदंड, तो एसबीआई वाणिज्यिक बकरी पालन (SBI Commercial Goat Farming) के लिए आवश्यकता के अनुसार ऋण (Loan) राशि स्वीकृत करेगा. एसबीआई (SBI Bank) जमीन के कागजात संपार्श्विक के रूप में जमा करने के लिए कह सकता है.

नाबार्ड के तहत ऋण

बकरी पालन (Goat Farming) के संबंध में नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) का मुख्य फोकस छोटे और मध्यम किसानों (Farmers) को पशुधन खेती के उत्पादन को बढ़ाने के लिए समर्थन देना है. छोटे किसानों को आर्थिक रूप से किस प्रकार मजबूत किया जाए इसको लेकर नाबार्ड कई योजनाओं के तहत लोगों को प्रेरित करती रही है. नाबार्ड विभिन्न वित्तीय संस्थानों की सहायता से कोई भी किसान बकरी पालन ऋण (Bakri Palan Loan Yojana) का लाभ उठाकर एक बेहतरीन रोजगार शुरू कर सकता है. ऐसे में किसानों को जो बैंक ऋण प्रदान करता है, वो है.

  • वाणिज्यिक बैंक

  • क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक

  • राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक

  • राज्य सहकारी बैंक

  • शहरी बैंक

नाबार्ड से पुनर्वित्त के लिए पात्र अन्य वित्तीय संस्थाएं

नाबार्ड की योजना (NABARD Yojana) के अनुसार, गरीबी रेखा के नीचे आने वाले, अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों को बकरी पालन पर 33 प्रतिशत की सब्सिडी (Subsidy) मिलेगी. ओबीसी और सामान्य वर्ग के अंतर्गत आने वाले लोगों के अन्य समूहों के लिए अधिकतम रु. 2.5 लाख की 25% सब्सिडी (Subsidy) मिलेगी.

English Summary: Government is giving benefit of loan scheme for goat rearing, farmers can start employment
Published on: 27 October 2021, 05:36 IST

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