जामुन फल एक अनोखे प्रकार का फल है. यह स्वाद में मीठा और खट्टा होता है और इसके अनोखे स्वाद की वजह से लोग इसको खाना काफी पसंद करते हैं. वैसे तो जामुन की खेती (Berries Cultivation ) ज्यादातर सभी क्षेत्र में की जाती है, लेकिन महाराष्ट्र के पालघर तालुका में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है.
यहाँ की जलवायु जामुन की खेती के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है, लेकिन यहाँ के किसानों के लिए जामुन फल की तुड़ाई बहुत महंगी पड़ती है. इसके फल को तोड़ने के लिए इस्तेमाल होने वाले औजार की कीमत अधिक होने की वजह से किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
इसी बीच जामुन की खेती करने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है, जामुन उत्पादकों को अब जामुन तोड़ने के लिए सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जा रही है. बता दें कि जामुन के पेड़ से फल को तोड़ने के लिए परांची औजार (Parachi Tool) का इस्तेमाल किया जाता है, जो कि बांस से बना होता है.
पालघर तालुका (Palghar Taluka)का बहाडोली गाँव अपने जामुन के लिए प्रसिद्ध हैं. सिर्फ पेड़ पर से जामुन तोड़ने के लिए बनाए जाने वाले बांस के परांची (Bamboo Paranchi) का खर्च अधिक होने के वजह से किसानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में किसानों की मदद के लिए राज्य के जिला परिषद् के माध्यम से परांची के लिए करीब 10 लाख की सब्सिडी (10 lakh subsidy ) देने की पहल की जा रही है.
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बहाडोली गाँव में जामुन के 6,000 पेड़ (6,000 Jamun Trees In Bahadoli Village)
पालघर तालुका का बहाडोली गाँव अपने जामुन के लिए प्रसिद्ध हैं. यहां के जामुन का स्वाद सबसे अच्छा माना जाता है और यहां का जामुन राज्य में मशहूर हैं. मार्च के महीने में जामून के पेड़ पर फल लगते हैं अकेले बहाडोली गांव में ही 6 उच्च गुणवत्ता वाले जामुन के पेड़ लगाए गए हैं. यह संख्या और भी बढ़ रही है, क्योंकि यहां की जलवायु जामुन के लिए अच्छी मानी जाती हैं, साथ ही बड़ी मात्रा में उपज होने के कारण इस फल को निकालने के लिए एक विशेष प्रकार का बांस का परांची बनाना पड़ता हैं. इसमें बांस का भरपूर इस्तेमाल होता हैं.
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