किसान व खेतिहर मजदूर दिन-रात खेतों में काम करते हैं. इस बीच किसानों के लिए कई तरह की दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है. अब आप सोच सकते हैं कि अगर परिवार के कमाऊ सदस्य की अकाल मृत्यु हो जाए, तो उस परिवार पर आजीविका का भारी संकट खड़ा हो जाता है. ऐसे में हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए एक योजना शुरू की है.
दरअसल, राज्य सरकार ने ऐसे परिवारों को आर्थिक सहायता (Financial assistance) मुहैया करवाने के लिए मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर जीवन सुरक्षा योजना की शुरुआत की है. खास बात यह है कि यह योजना पोल्ट्री फार्मों एवं डेयरी में भी लागू होगी. ऐसे में अगर आप किसान या खेत में काम करने वाले श्रमिक हैं, तो आपको इसके बारे में सबकुछ जान लेना चाहिए.
क्या है मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर जीवन सुरक्षा योजना (What is Chief Minister Farmer and Khetihar Jeevan Suraksha Yojana)
अगर किसान के साथ कृषि कार्यों के दौरान खेतों, गांवों, मार्किट यार्ड या फिर ऐसी जगह से आते-जाते दुर्घटना हो जाती है, तो इस योजना के तहत मार्किट कमेटी द्वारा पीड़ितों को वित्तीय मदद दी जाएगी. बता दें कि यह मदद मार्किट कमेटी के माध्यम से दी जाएगी.
कब-कब मिलेगी आर्थिक मदद (When will you get financial help?)
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कृषि मशीनरी पर काम करते हुए दुर्घटनाग्रस्त होना.
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किसी औजार से दुर्घटना होना..
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थ्रेसर चलाने के दौरान दुर्घटना होना.
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खेत में कार्य के दौरान सांप या जहरीले जीवों के काटने से मृत्यु होना.
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कीटनाशक एवं खरपतवार नाशक दवाई का स्प्रे करते समय मृत्यु होना.
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कृषि कार्यों के दौरान करंट लगना या फिर अग्नि संकट के दौरान मृत्यु होना
किस काम के लिए मिलेगी कितनी मदद (How much help will you get for what work?)
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किसान की दुर्घटना के दौरान मृत्यु होने पर 5 लाख रुपए की मदद दी जाएगी.
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अगर रीढ़ की हड्डी टूट जाती है या स्थायी अशक्तता होने पर 2,50,000 रुपए की मदद मिलगी.
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दो अंग भंग होने पर या स्थायी गंभीर चोट होने पर 1,87,500 रुपए की मदद मिलेगी.
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एक अंग भंग होने या स्थायी चोट लगने पर 1,25,000 रुपए की मदद मिल सकेगी.
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पूरी उंगली कटने पर 75 हजार रुपए दिए जाएंगे.
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आंशिक उंगली भंग होने पर 37 हजार रुपए की मदद दी जाएगी.
कब करना होगा आवेदन (When to apply)
हरियाणा सरकार के अधिकारी द्वारा बताया गया है कि आवेदक को दुर्घटना के 2 महीने के अंदर संबंधित मार्किट कमेटी (Market committee) के सचिव को आवेदन करना होगा. मगर किसान की उम्र 10 साल से कम या 65 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए.
इसके अलावा किसान की मृत्यु के मामले में आर्थिक सहायता लेनी है, तो पुलिस रिपोर्ट व पोस्टमार्टम होना जरूरी होगा. इसके साथ ही अशक्तता की स्थिति में प्रमाण पत्र व अंग भंग हानि की स्थिति में बाकी बचे हुए अंग की फोटो कॉपी दिखानी होगी.