भारी बारिश के कारण गेहूं की फसल बर्बाद हो रही है. जहां बेमौसम बारिश से किसान मायूस और परेशान हैं. वहीं, सरकार से मुआवजे की मांग की जा रही है. लॉकडाउन से शुरू हुई किसान की परेशानी खत्म नहीं हो पा रही है. रविवार को देश के कई इलाकों में हुई बेमौसम बारिश के सामने किसान (बेबस हैं. देश में लगातार रूक-रूक कर हो रही बारिश ने खेतों में तैयार फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है. गौरतलब है कि मौसम में किसी तरह का बदलाव या फिर असमय बारिश या सूखे की स्थिति में फसल सीधे तौर पर प्रभावित होती है. ऐसे हालात फसल के साथ ही किसान के लिए भी मुश्किल भरे होंते हैं. किसानों को इस मुश्किल से निकालने के लिए ही केंद्र सरकार की ओर से पीएम फसल बीमा योजना की शुरुआत हुई है. इस बीमा के जरिए आप अपनी फसल की नुकसान की भरपाई कर सकते हैं.
जानें, क्या है तरीका और कौन से दस्तावेज हैं जरूरी…
पीएम फसल बीमा योजना के लिए कैसे भर सकते हैं फॉर्म (How to fill the form for PM crop insurance scheme)
पीएम फसल बीमा योजना के लिए बैंक जाकर आवेदन कर सकते हैं. इसके अलावा ऑनलाइन फॉर्म भी भरा जा सकता है. https://pmfby.gov.in/ लिंक पर जाकर आप फॉर्म भर सकते हैं. यदि आप प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के फॉर्म को ऑफलाइन भरना चाहते हैं तो इसके लिए नजदीकी बैंक शाखा पर जाना होगा.
पीएम फसल बीमा योजना के लिए कौन से दस्तावेज हैं जरूरी (What documents are necessary for PM crop insurance scheme)
पीएम फसल बीमा योजना के लिए किसान को अपना फोटोग्राफ, आईडी कार्ड के तौर पर पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट या आधार कार्ड देना होगा. इसके अलावा पते के प्रमाण के तौर पर भी इन्हीं दस्तावेजों में से किसी एक को दिया जा सकता है. अपने खेती के दस्तावेज रखने होंगे और खसरा नंबर की जानकारी देनी होगी. क्लेम की राशि सीधे आपके बैंक खाते में ही आए, इसके लिए यह जरूरी होगा कि आप एक कैंसल चेक भी सौंपें.
पीएम फसल बीमा योजना के लिए कैसे कर सकते हैं क्लेम, क्या है प्रीमियम (How can one claim for PM crop insurance scheme, what is the premium)
प्राकृतिक आपदा की स्थिति में फसल कटाई से 14 दिनों पहले तक आप इसके लिए क्लेम कर सकते हैं. यहां यह बात ध्यान रखने की जरूरत है कि प्राकृतिक आपदा के अलावा अन्य किसी संकट पर बीमा की सुविधा नहीं मिलती. पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसानों को खरीफ की फसल के लिए 2 प्रतिशत प्रीमियम देना होता है, जबकि रबी के लिए 1.5 पर्सेंट प्रीमियम अदा करना होता है.
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