देशभर में कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन चल रहा है. इसके कारण अधिकतर कारोबार चौपट हो गए हैं. कई लोगों बेरोजगार हो चुके हैं. ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा तमाम योजनाएं लागू कर रही है, ताकि इस संकट की घड़ी में जरूरतमंदों की मदद हो पाए. इसी कड़ी में केंद्र सरकार की एक महत्वकांझी योजना कई लोगों की रोजी-रोटी चलाने में मदद कर रही है. इसका नाम प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना (Prime Minister's Bharatiya Jan Aushadhi Scheme) है.
क्या है पीएम भारतीय जन औषधि योजना?
केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना सस्ती दवाओं की योजना है. इसके तहत कई लोग जन औषधि केंद्र खुलकर अपना बिजनेस चला रहे हैं. यह कई लोगों को रोजी-रोटी कमाने में मदद करती है. इस योजना का उद्देश्य है कि देशभर के हर जिले में दवाओं की सस्ती दुकान खोली जाए. इसकी खास बात है कि इस योजना के तहत जन औषधि केंद्र खोलने के लिए सरकार मदद करती है.
पीएम जन औषधि केंद्र खोलने में सरकारी मदद
इस योजना की खासियत है कि जन औषधि केंद्र को शुरू करने के लिए सरकार द्वारा लगभग 2.5 लाख रुपए की मदद देती है. इससे बिजनसे को शुरू करने का पूरा खर्च आसानी से निकल जाता है. बता दें कि सरकार इन केंद्रों के जरिए कमाई भी सुनिश्चित कर रही है. अगर आप लॉकडाउन खत्म होने के बाद घर रहकर कोई अच्छा बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो केंद्र सरकार की यह योजना आपकी मदद करेगी.
कौन खोल सकता है पीएम जनऔषधि केंद्र?
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पहली श्रेणी में कोई भी बेरोजगार व्यक्ति, बेरोजगार फार्मासिस्ट, डॉक्टर, रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर को जन औषधि केंद्र खोलने की अनुमति है.
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दूसरी श्रेणी में ट्रस्ट, एनजीओ, प्राइवेट हॉस्पिटल, सोसायटी और सेल्फ हेल्प ग्रुप केंद्र खोल सकता है.
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तीसरी श्रेणी में राज्य सरकार द्वारा चुनी गई एजेंसियां केंद्र खोल सकती हैं.
क्या हैं योजना की जरूरी शर्तें?
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इसके लिए रिटेल ड्रग सेल्स का लाइसेंस जन औषधि केंद्र के नाम से होना चाहिए.
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आपके पास 120 वर्गफुट एरिया में एक दुकान होनी चाहिए.
इस तरह सरकार करती है मदद
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केंद्र सरकार जनऔषधि केंद्र खोलने पर 5 लाख रुपए तक की मदद करती है.
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जनऔषधि केंद्र से दवा बेचने पर 20प्रतिशत का मार्जिन दिया जाता है. यानी अगर आपने महीने में 50 हजार रुपए की बिक्री की है, तो आपको उस महीने 10 हजार रुपए का मुनाफ़ा होगा.
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इसके अलावा हर महीने की बिक्री पर 15प्रतिशत इंसेंटिव दिया जाता है. यानी महीने की बिक्री पर 5 हजार रुपए तक का मुनाफ़ा होगा. बता दें कि प्रति माह इसकी अधिकतम सीमा 10 हजार रुपए होती है. यह तब मिलता है, जब 2.5 लाख रुपए पूरे न हो जाएं.
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नॉर्थ ईस्ट राज्य और नक्सल प्रभावित के लिए इस राशि की अधिकतम सीमा 15 हजार रुपए प्रति माह होती है.
पीएम जन औषधि केंद्र योजना के लिए आवेदन
अगर आप केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको जन औषधि केंद्र की बेवसाइट की http://janaushadhi.gov.in/index.aspx पर जाना होगा. यहां आपको आवेदन के लिए एक फार्म डाउनलोड करना होगा. ध्यान दें कि आपको यह आवेदन ब्यूरो ऑफ फॉर्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया (BPPI) के जनरल मैनेजर(A&F) के नाम से भेजना है.
अन्य जानकारी
आपको बता दें कि देश में अभी तक लगभग 6,300 जनऔषधि केंद्र हैं. लॉकडाउन की स्थिति में इन केंद्रों ने अप्रैल में लगभग 52 करोड़ रुपए की बिक्री की है, तो वहीं मार्च में 42 करोड़ रुपए की हुई थी. खास बात है कि येकेंद्रमरीजों से वॉट्सऐप और ईमेल के जरिए दवाओं के ऑर्डर स्वीकार करते हैं. इस तरह आसानी से दवा खरीद की जा सकती है.
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