प्राचीन काल से प्राकृतिक या जैविक रूप से खेती (Organic Farming) करना बहुत लाभकारी माना गया है. कई किसान प्राकृतिक खेती कर भी रहे हैं. यह खेती का एक ऐसा तरीका है, जिससे किसान खेती की लागत कम सकते हैं, साथ ही फसल की गुणवत्ता और उत्पादन, दोनों बढ़ा सकते हैं.
इसी कड़ी में केंद्र सरकार भी प्राकृतिक खेती (Organic Farming) को बढ़ावा देने के लिए किसानों को आर्थिक मदद पहुंचा रही है. इस संबंध में हम अपने किसान भाईयों को और जानकारी देंगे, लेकिन उससे पहले बता दें कि जैविक खेती (Organic Farming) किस तरह की जाती है? इसके क्या फायदे हैं? इसके साथ ही सरकार द्वारा क्या योजना चलाई जा रही है?
क्या है जैविक खेती? (What is organic farming?)
अगर किसान इस तकनीक से खेती करते हैं, तो उन्हें बाजार से किसी भी प्रकार के रसायनिक उर्वरक और खाद खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती है. इस कारण जैविक खेती में शून्य रुपए की लागत आती है. इस खेती में प्राकृतिक रूप से तैयार खादों का इस्तेमाल किया जाता है, साथ ही इस खेती में खर्चा भी कम हो जाता है, इसलिए इस खेती को जीरो बजट फ़ार्मिंग नाम दिया गया है. ऐसे में आइए जानते हैं कि सरकार किस तरह किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है.
जैविक खेती के लिए सरकार कर रही है मदद (Government's help for organic farming)
सरकार की तरफ से जैविक खेती (Organic Farming) के प्रति किसानों का रुझान बढ़ाने के भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति (Bhartiya Prakritik Krishi Padhati, BPKP) योजना चलाई जा रही है. इसके तहत सरकार किसानों को 12,200 रुपए प्रति हेक्टेयर की राशि प्रदान की जाती है.
कब तक मिलती है आर्थिक मदद? (For how long do you get financial help?)
भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति (Bhartiya Prakritik Krishi Padhati) के तहत किसानों को 3 साल के लिए 12,200 रुपए प्रति हेक्टेयर की आर्थिक मदद दी जाती है. जानकारी के लिए बता दें कि यह राशि किसानों को खेत को पूरी तरीके से जैविक बनाने, क्लस्टर निर्माण और निर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए दी जाती है.
प्राकृतिक खेती है स्वदेशी प्रणाली (Natural farming is indigenous system)
एक कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि प्राकृतिक खेती (Organic Farming) गोबर, मूत्र, बायोमास, गीली घास और मृदा वातन पर आधारित है, इसलिए यह स्वदेशी प्रणाली की श्रेणी में आती है. उनका कहना है कि आने वाले 5 सालों में जैविक खेती को किसी भी रूप में 20 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाना है. इसमें 12 लाख हेक्टेयर जैविक खेती के अंतर्गत है.
कब शुरू हुई भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति योजना (When was the Bhartiya Prakritik Krishi Padhati Scheme started?)
खासतौर पर इस योजना को छोटे और सीमांत किसानों के लिए लागू किया गया है. इसके जरिए किसानों के बीच जैविक खेती (Organic Farming) को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसे साल 2015 में शुरू किया गया था. इस योजना ने पिछले 4 सालों में लगभग 7 लाख हेक्टेयर और 8 लाख किसानों को कवर किया है. बता दें कि जैविक खेती को आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और केरल के किसानों ने काफी बड़े पैमाने पर अपनाया है.
एक्सपर्ट्स की मानें, तो जैविक खेती (Organic Farming) द्वारा पानी के कम उपयोग, किसान को कर्ज में डूबने से रोकने, किसानों की आय बढ़ाने में अहम भूमिका है. इसके साथ ही जलवायु परिवर्तन में करते हुए ग्रीनहाउस गैसों को कम करने में मददगार है.