
भारत में कृषि हमेशा से ही अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है. लेकिन पिछले कुछ दशकों में किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जैसे घटती उपज, मौसम की अनिश्चितता, और बढ़ती लागत. इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने 'प्रधानमंत्री धन-धन कृषि योजना' की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना, कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाना और उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ना है.
योजना का उद्देश्य और महत्वपूर्ण पहलू
प्रधानमंत्री धन-धन कृषि योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि में नवाचार और तकनीकी सुधार को बढ़ावा देना है. इस योजना के अंतर्गत किसानों को नई कृषि विधियों, आधुनिक यंत्रों और उन्नत बीजों से परिचित कराया जाता है ताकि उनकी उत्पादकता बढ़े और खेती को अधिक लाभकारी बनाया जा सके.
- कृषि में नवाचार को बढ़ावा देना – योजना के तहत, किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज, उर्वरक, और कृषि यंत्र सस्ते दरों पर उपलब्ध कराए जाते हैं. इससे खेती की प्रक्रिया अधिक आधुनिक और उत्पादक बनती है.
- किसानों की आय में वृद्धि – इस योजना का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य किसानों की आय को दोगुना करना है. इसके लिए किसानों को अच्छे बाजारों तक पहुंच, बेहतर सिंचाई सुविधाएं, और कृषि उत्पादों के मूल्य में वृद्धि करने के उपाय प्रदान किए जाते हैं.
- सिंचाई और जल संरक्षण – किसानों को जलवायु अनुकूल कृषि विधियों की ओर प्रेरित किया जाता है. जल संकट को देखते हुए, जल संरक्षण और सिंचाई व्यवस्थाओं में सुधार पर विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि कृषि टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल हो.
- जैविक और सतत कृषि को प्रोत्साहन – यह योजना जैविक खेती को बढ़ावा देती है ताकि किसानों के उत्पाद सुरक्षित और पर्यावरण के लिए अनुकूल हों. इससे न केवल किसानों को फायदा होता है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक है.
- कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा – इस योजना के तहत, खाद्य प्रसंस्करण और कृषि व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं और सब्सिडी प्रदान की जाती हैं. इससे किसानों के उत्पादों को बाजारों में बेहतर तरीके से बेचा जा सकता है, और कृषि व्यवसाय में वृद्धि होती है.
मुख्य लाभ और विशेषताएं
प्रधानमंत्री धन-धन कृषि योजना के तहत किसानों को कई महत्वपूर्ण लाभ मिलते हैं. इसमें प्रमुख रूप से:
- ऋण सुविधा – किसानों को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है, जिससे वे अपनी कृषि संबंधित आवश्यकताओं के लिए आसानी से पूंजी जुटा सकते हैं.
- उर्वरक और बीजों पर सब्सिडी – उर्वरक और बीजों की लागत कम करने के लिए सरकार द्वारा सब्सिडी प्रदान की जाती है, जिससे किसानों के खर्चे घटते हैं.
- आधुनिक कृषि यंत्रों की उपलब्धता – किसानों को उन्नत कृषि यंत्रों को किफायती दरों पर उपलब्ध कराए जाते हैं, जो कृषि कार्यों को सरल और अधिक प्रभावी बनाते हैं.
- कृषि विपणन को सरल बनाना – योजना के अंतर्गत, कृषि विपणन को सुलभ और आसान बनाने के लिए कई पहल की गई हैं, जिससे किसानों को उनके उत्पादों के लिए अच्छे दाम मिल सकें.
- जलवायु अनुकूल खेती को प्रोत्साहन – इस योजना के तहत, किसानों को जलवायु अनुकूल और पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी खेती के लिए प्रेरित किया जाता है.
लाभार्थी कौन हैं?
प्रधानमंत्री धन-धन कृषि योजना का लाभ छोटे, सीमांत, और मध्यम श्रेणी के किसानों को मिल सकता है. इसके अलावा, महिला किसानों और युवा कृषि उद्यमियों को भी विशेष प्राथमिकता दी जाती है, ताकि वे कृषि क्षेत्र में नए अवसरों का लाभ उठा सकें. इस योजना के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि कृषि क्षेत्र में सभी वर्गों को समान अवसर मिलें और उनका आर्थिक विकास हो.
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री धन-धन कृषि योजना किसानों के समग्र विकास के लिए एक प्रभावी पहल है. यह योजना न केवल कृषि क्षेत्र को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में मदद करेगी, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति को भी सुदृढ़ बनाएगी. सही तरीके से क्रियान्वयन होने पर यह योजना कृषि क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है.
लेखक - रबीन्द्रनाथ चौबे, ब्यूरो चीफ, कृषि जागरण, बलिया, उत्तरप्रदेश.
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