Wheat Production: इस बार उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में किसानों ने गेहूं की बंपर फसल बोई है. इसके चलते इस रबी सीजन में गेहूं की बुआई का रकबा पिछले साल के मुकाबले बढ़ गया है. 12 जनवरी तक देश में गेहूं की खेती का रकबा 336.96 लाख हेक्टेयर था, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 335.67 लाख हेक्टेयर था. इसलिए सरकार ने इस साल 114 मिलियन टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य रखा है. इस बीच तापमान बढ़ोतरी ने किसानों की चिंताएं बढ़ा दी है. दरअसल, ठंड गेहूं की फसल के लिए काफी लाभदायक होती है. ठंड के कारण गेहूं तेजी से बढ़ता है. लेकिन, अब फरवरी का महीना अपने अंतिम पड़ाव पर है और गर्मी दस्तक देने को है.
इसी बीच तापमान में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. जिसने किसानों की चिंताएं बढ़ा दी है. तापमान बढ़ने से गेहूं की फसल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. जिससे पैदावार में कमी दर्ज की जा सकती है. इस खबर में हम कुछ ऐसे उपाय बताएंगे, जिन्हे अपनाकर किसान अपनी फसल को गर्मी से बचा पाएंगे.
तापमान बढ़ने पर करें ये काम
पिछले एक हफ्ते से तापमान में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. कुछ राज्यों में तापमान सामान्य में 1 से 3 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वहीं, अगर पश्चिमी चक्रवात बनने की कोई संभावना नहीं है, तो शुष्क जलवायु के कारण गर्मी और पानी का दबाव बढ़ सकता है. इसका असर गेहूं की फसल पर पड़ेगा. जिससे उत्पादन में कमी आ सकती है. ऐसे में किसानों को नियमित रूप से अपने खेतों का दौरा करना चाहिए. इसके अलावा, किसान भाई अपनी फसल पर निगरानी रखें. विशेषज्ञों के अनुसार अधिक गर्मी पड़ने से गेहूं की फसल में हल्की सिंचाई करनी चाहिए. वहीं, अगर हवा चलती है तो रात में फसल में पानी देना सही रहेगा.
कैसे करें कीटों से बचाव
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किसानों के सामने एक बड़ी समस्या कीटों की भी रहती है. जो फसल को बर्बाद कर देते हैं. नीचे दिए गए उपायों से किसान कीटों से अपनी फसल की सुरक्षा कर सकते हैं.
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गेहूं की कलियां बनने के समय 2 प्रतिशत पोटैशियम नाइट्रेट (13:0:45) का छिड़काव करें. इससे गेहूं की फसल को गर्मी से राहत मिलेगी और पौधे तेजी से बढ़ेंगे.
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गर्मियों में गेहूं की फसल पर कीड़ों के हमले की आशंका बढ़ जाती है. ऐसे में किसान 20 ग्राम तायो को 100 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें. इससे फसल को काफी फायदा होगा.
गेहूं का रकबा बढ़ा
बता दें कि 12 जनवरी तक देश में 336.96 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुआई हुई थी, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 335.67 लाख हेक्टेयर था. लेकिन, खास बात तो यह है कि इस बार उत्तर प्रदेश के किसानों ने 4.4 प्रतिशत अधिक क्षेत्रफल पर गेहूं बोया है. यहां किसानों ने 101.41 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुआई की है. जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 97.12 लाख हेक्टेयर था. इससे राजस्थान और महाराष्ट्र में गेहूं के रकबे में गिरावट की भरपाई करने में मदद मिली है. वहीं, पंजाब और हरियाणा का क्षेत्रफल लगभग पिछले साल के बराबर ही है. ऐसे में कहा जा रहा है कि इस साल देश में गेहूं का बेहतरीन उत्पादन होगा. किसान और सरकार दोनों यही उम्मीद लगाए बैठे हैं.
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