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शिमला मिर्च की फसल को बैक्टीरियल विल्ट से बचाने के 10 प्रभावी उपाय, जानें रोग की पहचान!

Bacterial Wilt Disease In Capsicum: शिमला मिर्च में बैक्टीरियल विल्ट रोग का प्रबंधन एक सतत प्रक्रिया है जिसमें स्वच्छता, जैविक और रासायनिक उपचार, तथा फसल प्रबंधन का समन्वय शामिल है. सटीक रणनीति अपनाने और रोग के प्रसार को रोकने से इस चुनौतीपूर्ण रोग को नियंत्रित किया जा सकता है.

डॉ एस के सिंह
Bacterial Wilt Disease In Capsicum
शिमला मिर्च की फसल को बैक्टीरियल विल्ट से बचाने के 10 प्रभावी उपाय (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Capsicum Cultivation: शिमला मिर्च में बैक्टीरियल विल्ट रोग, जो Ralstonia solanacearum बैक्टीरिया के कारण होता है, एक गंभीर समस्या है. यह रोग शिमला मिर्च के पौधों के जलवाहक ऊतकों को प्रभावित करता है, जिससे पौधों में अचानक मुरझाने और सूखने की समस्या उत्पन्न होती है. यह रोग बैक्टीरिया मिट्टी, जल, और संक्रमित बीजों के माध्यम से तेजी से फैलता है. इसके प्रभाव से पौधों की वृद्धि रुक जाती है और समय से पहले पौधों की मृत्यु हो जाती है. इस रोग के नियंत्रण के लिए एकीकृत रोग प्रबंधन (IPM) विधि अपनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है. इसमें बैक्टीरियल संक्रमण की शुरुआत से लेकर उसकी रोकथाम के लिए रासायनिक उपचार, जैविक नियंत्रण और सही कृषि प्रथाओं का समावेश किया जाता है.

रोग की पहचान और लक्षण

पत्तियां अचानक मुरझा जाती हैं, जबकि वे हरी बनी रहती हैं. तने को काटने पर पानी जैसा सफेद बैक्टीरियल स्राव दिखाई देता है. संक्रमित पौधों की जड़ें काली और सड़नग्रस्त हो जाती हैं. मिट्टी में बैक्टीरिया लंबे समय तक निष्क्रिय अवस्था में रहते हैं.

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1. फसल चक्र (Crop Rotation)

शिमला मिर्च को ऐसी फसलों के साथ न लगाएं जो बैक्टीरिया के लिए मेजबान हैं, जैसे टमाटर, बैंगन, और आलू. फसल चक्र में मक्का, बाजरा, गेंहू या धान जैसी गैर-मेजबान फसलों का चयन करें. 2 से 3 साल तक मेजबान फसलों से परहेज करें.

2. रोग प्रतिरोधी किस्मों का उपयोग

रोग प्रतिरोधी या सहनशील शिमला मिर्च की किस्में लगाना बैक्टीरियल विल्ट के प्रबंधन में सहायक हो सकता है. क्षेत्रीय कृषि संस्थानों से प्रतिरोधी किस्मों की जानकारी प्राप्त करें.

3. मिट्टी की देखभाल और सौर निर्जलीकरण (Soil Solarization)

संक्रमित क्षेत्रों में मिट्टी को सुधारने के लिए सौर निर्जलीकरण अपनाएं. ग्रीष्मकाल में खेत को पारदर्शी पॉलीथीन शीट से ढकें ताकि मिट्टी का तापमान बढ़े और बैक्टीरिया मर जाएं. मिट्टी का pH 6.5-7.0 के बीच बनाए रखें.

4. स्वच्छता उपाय (Sanitation)

रोगग्रस्त पौधों को खेत से हटाकर गहराई में दफनाएं या जलाएं. उपयोग किए गए उपकरणों और यंत्रों को कीटाणुरहित करें. खेत में साफ पानी के प्रवाह को सुनिश्चित करें.

5. पानी और सिंचाई प्रबंधन

अधिक सिंचाई और जलभराव से बचें. संक्रमित पौधों से स्वस्थ पौधों तक पानी का प्रवाह रोकें. ड्रिप सिंचाई प्रणाली का उपयोग करें.

6. जैविक नियंत्रण (Biological Control)

जैविक उत्पादों का उपयोग, जैसे- Pseudomonas fluorescens और Bacillus subtilis रोग के प्राकृतिक एंटीगोनिस्ट्स का उपयोग बैक्टीरिया के प्रसार को रोकता है.

7. रासायनिक नियंत्रण (Chemical Control)

मिट्टी में बैक्टीरिया को नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित रसायनों का उपयोग करें: Copper oxychloride (3 ग्राम प्रति लीटर पानी) और Streptocycline (0.3 ग्राम प्रति लीटर) का मिश्रण. मिट्टी उपचार के लिए उपयुक्त जीवाणुरोधी रसायन.

8. फसल प्रबंधन

पौधों को पौष्टिक तत्वों से भरपूर रखें ताकि उनकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़े. जैव उर्वरकों और जैविक खाद का प्रयोग करें. रोगग्रस्त क्षेत्रों में मल्चिंग से बचें, क्योंकि यह बैक्टीरिया को संरक्षित कर सकता है.

9. स्थानीय कृषि संस्थानों से सहायता

रोग प्रबंधन में बेहतर सुझाव और सहायता के लिए नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) या शोध संस्थान से संपर्क करें. प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लें और नवीनतम प्रौद्योगिकियों का उपयोग करें.

10. नियमित निगरानी और रोकथाम

खेतों की नियमित रूप से निगरानी करें ताकि प्रारंभिक चरण में रोग की पहचान हो सके. नर्सरी स्तर पर स्वस्थ पौध तैयार करें.

English Summary: top 10 tips for protect capsicum crop from bacterial wilt disease identification Published on: 29 November 2024, 03:20 PM IST

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