सर्दियों का मौसम तेजी से दस्तक दे रहा है. संभवतः आप भी अपने कोट-स्वेटर संदूक से निकाल कर उन्हें पहनने का प्रबंध कर रहे होगें. लेकिन जाड़े के इस मौसम में स्वयं के साथ आपको अपने फसलों का भी ध्यान रखना होगा. शीतलहर एवं पाले के प्रभाव से आपकी फसलों को भारी नुकसान हो सकता है. टमाटर, मिर्च, बैंगन आदि सब्जियों को तो इस मौसम से विशेष खतरा रहता है. वहीं पपीता एवं केले के पौधों समेत अलसी, सरसों, जीरा, मटर, चना, धनिया और सौंफ आदि. फसलों को भी हर साल बड़ा नुकसान झेलना पड़ता है. ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि फसलों को जाड़े के प्रकोप से बचाने का सही उपाय क्या है.
पाले से फसलों को होता है नुकसान
पाला ना सिर्फ आपके स्वास्थ के लिए हानिकारक है बल्कि ये आपको फसलों को भी मुकसान पहुंचाता है. इसके प्रभाव से फल खराब हो जाते हैं एवं फूल झड़ जाते है. पाला देखते ही देखते लहलहाते फसल को अपनी चपेट में लेकर मिट्टी में मिला देता है. इसके प्रभाव से बैक्टीरिया जनित बीमारियां पनपने लगती है.
धुआं करेगा फसलों की रक्षा
अगर पाला पड़ने की संभावना प्रतीत हो तो मध्य रात्रि के समय उत्तरी पश्चिमी दिशा से आने वाली ठंडी हवाओं को रोकने के लिए फसलों से सुरक्षित दूरी पर कूड़ा जलाकर धूंआ करें. धुएँ से खेत के आस-पास के वातावरण को गर्मी मिलती है तो वहीं फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले छोटे कीट-पतंगें भी मर जाते हैं.
टाट का करें प्रबंधः
पौधों को पाले से बचाने के लिए टाट, पॉलिथीन अथवा भूसे का प्रयोग वायुरोधी साधन के रूप में हवा आने वाली दिशा की तरफ से करें. आप चाहे तो गोलकार आकार में चारों तरफ से सुरक्षा प्रदान करते हुए भी वायुरोधी टाट का प्रयोग कर सकते हैं.
पाले की संभावना में करे सिंचाई
पाला पड़ने की अगर संभावना है तो खेतों की सिंचाई की जा सकती है. इससे मिट्टी को नमी मिलती है और वो काफी देर तक गर्म रहती है. विशेषज्ञों के मुताबिक सर्दियों में फसलों की सिंचाई 1 डिग्री से 4 डिग्री तक सेल्सियस तापमान बढ़ाने में सहायक हो सकती है.
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