देश के ज्यादातर किसान भाइयों ने रबी सीजन में मुख्य फसल गेहूं की बुवाई करना शुरू कर दिया है. ऐसे में किसानों के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती गेहूं की अच्छी किस्म का चयन करना होता है. किसानों की इन्हीं परेशानियों को दूर करने के लिए आज हम आपके लिए गेहूं की एक ऐसी किस्म को लेकर आए हैं, जो बारिश-आंधी व ओले तक को मात देकर अच्छी पैदावार देगी.
दरअसल, देसी गेहूं की किस्म का नाम कुदरत 8 विश्वनाथ (Kudrat 8 Vishwanath) और कुदरत विश्वनाथ (Kudrat Vishwanath) है, जिसे वाराणसी के एक प्रगतिशील किसान प्रकाश सिंह रघुवंशी के द्वारा विकसित किया गया है. तो आइए गेहूं की इस देसी उन्नत किस्म के बारे में जानते हैं...
गेहूं की देसी किस्म 'कुदरत 8 विश्वनाथ'
आज के इस आधुनिक समय में भले वैज्ञानिकों के द्वारा कई नई किस्मों को विकसित किया जा चुका हैं, लेकिन फिर भी देसी किस्मों के मुकाबले यह कम पैदावार देती हैं और वहीं देसी किस्में अधिक पैदावार देती हैं और उनमें रोगों का प्रभाव भी कम होता है. इन्हीं देसी किस्मों में 'कुदरत 8 विश्वनाथ' भी शामिल है, जो किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. इस किस्म की फसल करीब 110 दिनों के अदंर पककर पूरी तरह से तैयार हो जाती है. बता दें कि इसकी फसल की ऊंचाई लगभग 90 सेमी और लंबाई 20 सेमी यानी की 9 इंच होती है.
इस किस्म से देश के कई राज्य के किसानों को मिल रहा लाभ
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 'कुदरत 8 विश्वनाथ' किस्म के गेहूं का दाना मोटा व बेहद चमकदार होता है और इससे किसान प्रति एकड़ लगभग 25 से 30 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. एक रिपोर्ट से पता चला है कि देश के ज्यादातर राज्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, गुजरात और महाराष्ट्र के किसान भाई इस किस्म से सफल खेती करके अच्छा लाभ कमा रहे हैं.
गेहूं की कुदरत 8 विश्वनाथ किस्म की खासियत
देश के किसान भाई कुदरत 8 विश्वनाथ किस्म की बुवाई अपने खेत में नवंबर से लेकर जनवरी के शुरूआती सप्ताह तक कर सकते है. इस किस्म को लेकर यह भी बताया जा रहा है कि इस गेहूं की किस्म की फसलों पर तेज बारिश-हवा-आंधी व ओले गिरने से भी कोई असर नहीं पड़ेगा. क्योंकि इसके पौधे के तने मोटे व बेहद मजबूत होते हैं.
इस बीज को मंगवाने के लिए किसान भाई अपने किसी भी नजदीकी सरकारी बीज केंद्र से संपर्क कर सकते हैं.
Share your comments