देश में गन्ने की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. विश्वभर में गन्ने के उत्पादक में भारत दूसरे स्थान पर आता है. गन्ने की खेती से किसानों को अधिक पैदावार मिलती है, लेकिन कई बार गन्ने की फसल में कई प्रकार के रोग लग जाते हैं
जिससे किसानों को बहुत नुकसान हो जाता है. ऐसे में गन्ने की खेती (Sugarcane Cultivation) करने वाले किसानों के लिए एक बेहद ही ख़ास जानकारी लेकर आए हैं.
बता दें गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के कृषि वैज्ञानिकों ने हाल ही में गन्ने के तीन किस्में (Varities) विकसित की हैं. इन किस्मों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इनमें रोग एवं कीट से लड़ने की क्षमता अच्छी है. इस किस्मों से किसान अच्छी और अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. पंतनगर विवि के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई किस्में अगेती गन्ना (पंत 12221), सामान्य गन्ना (पंत 12226) और पंत 13224 हैं, जिनकी खासियत इस लेख में बताई गई है.
गन्ने की किस्मों की विशेषता (Characteristics of Sugarcane varieties)
पंत 12221 (Pant 12221)
गन्ने इस किस्म का कृषि वैज्ञानिकों द्वारा मूल्यांकन किया गया है, जिसमें यह पाया गया है कि इस किस्म से गन्ने की खेती करने वाले किसानों को अच्छी पैदावार मिलेगी. इस किस्म में बेहतर जूस की गुणवत्ता भी प्राप्त कर सकते हैं. किसान और चीनी उद्योग, दोनों के लिए ये किस्म अच्छी मानी जा रही है
पंत 12226 (Pant 12226)
गन्ने की यह किस्म रोगों से लड़ने में सक्षम है, साथ ही इसकी उत्पादन क्षमता काफी अच्छी मानी जा रही है. यह जल्द पकने वाली किस्म है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि जल भराव एवं सूखा ग्रस्त स्थिति में भी अधिक और अच्छा उत्पादन देने की क्षमता रखती हैं. यह किस्म इन्हीं गुणों की वजह से खेती के लिए काफी अच्छी मानी जा रही है
पंत 13224 (Pant 13224)
कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई इस किस्म से किसान कम लागत में अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. गन्ने की यह किस्म भी रोग मुक्त है एवं अधिक उत्पादन के लिए अच्छी मानी गई है.
कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि ये किस्में किसान भाईयों के लिए फसल का अधिक और अच्छा उत्पादन दे सकती हैं
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