किसान भाइयों के लिए सूरजमुखी की खेती उन्नत फसलों में से एक मानी जाती है, क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण तिलहन फसल होती है. ये ही नहीं इस फसल को नकदी फसल के नाम से भी जाना जाता हैं. यह फसल किसानों को बाजार में अधिक मुनाफा कमा कर देती है.
अगर आप भी इसकी खेती से लाभ कमाना चाहते हैं, तो किसान अब सूरजमुखी की खेती की तैयारी कर सकते हैं. इस फसल की बुवाई के लिए मार्च का पहला सप्ताह को उत्तम माना जाता है. वैसे देखा जाए, तो सूरजमुखी की खेती तीन सीजनों में की जाती है. रबी, खरीफ और जायद सीजन में इसकी खेती की जाती है. ज्यादा के सीजन में सूरजमुखी की फसल सबसे ज्यादा वृद्धि करती है इस सीजन में लगभग 90 से 100 दिन में यह फसल तैयार होकर लाभ देने लगती हैं.
सूरजमुखी फसल की तैयारी (Sunflower crop preparation)
- इस फसल की तैयारी के लिए आपको अपने खेत में बलुई और हल्की दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है.
- साथ ही आपके खेत की मिट्टी में जीवांश कार्बन की मात्रा पाई जानी चाहिए. यह फसल की वृद्धि के लिए अच्छा माना जाता है.
- इसके अलावा खेत की मिट्टी में पर्याप्त नमीं बनी रहनी चाहिए,क्योंकि इसे बीच अच्छे से पनपते हैं.
- साथ ही बुआई के समय पंक्ति से पंक्ति की दूरी 60सेमी और वहीं पौधों की दूरी लगभग 20 सेमी दूर होनी चाहिए.
- बीजों की बुवाई के बाद उसमें 6लीटर से 600 से 800 लीटर पानी में पेंडीमेथिलीन दवा का मिश्रण कर फसलों पर छिड़काव करें. ऐसा करने से फसल में खरपतवार नहीं लगते हैं
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सूरजमुखी बीज की किस्में (sunflower seed species)
किसानों को सूरजमुखी की फसल से अच्छा लाभ प्राप्त करने के लिए उन्नत किस्म के बीजों का भी होना बेहद जरूरी हैं. जो कुछ इस प्रकार है, जिनका इस्तेमाल अपने खेत में करने से आपको फसल में अच्छा लाभ प्राप्त होगा.
- ईसी 68414
- ईसी 68415
- ईसी 69874
- सनराइज सेलेक्शन
- मार्डन सूर्या
- ज्वालामुखी
- केवीएसएच-1
सूरजमुखी की खेती से लाभ (benefits of sunflower cultivation)
किसानों को इसकी खेती से बाजार में बेहद लाभ प्राप्त होता है. क्योंकि बाजार में इस फसल की अधिक मांग होती है. इसकी फसल से कई तरह के उत्पादों को तैयार किया जाता हैं. मुख्य इस फसल से खाद्य तेल का उत्पादन किया जाता है. हृदय रोगियों के लिए इस तेल को बेहद ही लाभदायक माना जाता हैं.
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