पौराणिक महत्व के साथ-साथ चंदन आर्थिक रूप से किसानों को मालामाल कर देने वाला पौधा है. विंध्य पर्वतमाला से लेकर दक्षिण क्षेत्रों में पाया जाने वाला ये पौधा विशेष रूप से कर्नाटक और तमिलनाडु में पाया जाता है. लेकिन बदलते हुए कृषि तकनीकों के सहारे अब इसकी खेती महाराष्ट्र, गुजरात समेत राजस्थान और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में भी होने लगी है. बता दें कि चंदन एक परजीवी वृक्ष है. यानि यह पौधा दूसरे पेड़ों की जड़ों के सहारे अपना भोजन, पानी और खनिज प्राप्त करता है.
चंदन खेती के लिए ऐसी भूमि का करें चुनावः
अगर आप काली लाल दोमट मिट्टी, रूपांतरित चट्टानों वाले क्षेत्र में रहते हैं, तो चंदन की खेती करना आपके लिए बहुत आसान है. क्योंकि इसकी खेती मुख्य रूप से ऐसी ही भूमि में होती है. जबकि खनिज और नमी युक्त मिट्टी में इसकी खेती हो तो सकती है, लेकिन इसका विकास कम होता है. समुद्र सतह से 600 से 1200 मीटर की ऊँचाई पर भी इसकी खेती आसानी से की जा सकती है.
जलवायुः
इस वृक्ष को लगाने के लिए ऐसे क्षेत्र का चयन करें जहां तनिक भी जल जमाव ना होता हो. ध्यान रहे कि चंदन का वृक्ष जल जमाव को सहन करने में सक्षम नहीं होता है. इसकी खेती करने के लिए दलदली जमीन को छोड़कर 7 से 8.5 पीएच वाली मिट्टी उपयुक्त है. इसके अलावा अगर वर्षा की बात करें तो 60 से 160 से.मी तक की वर्षा ही इसके लिए उपयुक्त है.
ऐसे करें खेतीः
चंदन का वृक्ष लगाने से पहले भूमि की गहरी जुताई कर लें. बेहतर परिणाम के लिए भूमि को 3 से 4 बार जोतना लाभकारी है. अब 2x2x2 फिट के गढ्ढे बनाकर ऊसे कुछ दिन सुखने दीजिए. आप चाहें तो कंपोस्ट के रूप में मुर खाद का प्रयोग कर सकते हैं. अब कम से कम 10×10 फिट के दूरी पर वृक्ष लगाना शुरू करें. इस वृक्ष में अधिक उर्वरक ना डालें. हां अगर आप चाहें तो शुरुवाती दिनो में कम मात्रा में खाद डाल सकते हैं.
ऐसे करें कटाईः
चंदन की कटाई करते समय आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. जैसे कि चंदन के पेड़ काटा नहीं बल्कि जड़ से उखाडा जाता है, क्योंकि इसका जड़ भी खुशबूदार होता है. क बार जड़ से उखाड़ने के बाद अब पेड़ों को टुकड़ो में काटना शुरू करें.
कितना होगा मुनाफा:
चंदन का आज मार्केट रेट प्रति किलो रु.6000 से 12000 है. एक अनुमान के मुताबिक आप एक 1 पेड़ से तकरीबन 1 लाख रूपया कमा सकते हैं.
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