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नील की खेती से किसान हो सकते हैं मालामाल, लागत कम मुनाफा डबल

अगर आप खेती करने का सोच रहें तो नील की खेती (Indigo Farming) कमाई का बेहतर जरिया बन सकता है. इसमें लागत कम और मुनाफा ज्यादा है.

KJ Staff
नील की खेती से किसानों को फायदा
नील की खेती से किसानों को फायदा

नील की खेती किसानों को मालामाल बना सकती है. इस वक्त उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लगातार इसकी खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. वह किसानों को इससे होने वाले मुनाफों के बारे में बता रहे हैं. वैसे तो कई राज्यों में बड़े स्तर पर नील की खेती होती है लेकिन यूपी में इसकी अहमियत ज्यादा नहीं है. ऐसे में सरकार किसानों को इसकी खेती के लिए जागरूक कर रही है. तो आइएनील की खेती से साल में कितना फायदा हो सकता हैउसके बारे में विस्तार से जानें.

छह महीने में दो बार खेती

नील की खेती के लिए बुआई फरवरी के पहले हफ्ते से शुरू हो जाती है. अप्रैल में इसकी पहली फसल काट सकते हैं. वहीं, दूसरी फसल जून के महीने में काटी जाती है. इसी तरह, पांच-छह महीनें दो बार नील की खेती की जा सकती है. इसके बाद, आय को बढ़ाने के लिए किसान अन्य महीनों में चावल और गेहूं जैसी फसलों की खेती भी कर सकते हैं. नील की खेती में लागत कम मुनाफा ज्यादा है.
 

ये है लागत

अगर किसान एक एकड़ जमीन में नील की खेती करते हैं तो उसके लिए खर्च 8-10 हजार आएगा. ऐसे में दो बार फसल लगाकर 30-35 हजार तक मुनाफा कमाया जा सकता है. नील की खेती बिल्कुल नेचुरल तरीके से होती है. इसमें किसी भी तरह के केमिकल का उपयोग नहीं होता है. पैदावार के लिए इसकी खेतों में केवल जैविक खाद डाला जाता है. जो जमीन को पहले की तुलना में ज्यादा उपजाऊ बनाने का काम करती है. इसके अलावा, इस खाद से जमीन में नाइट्रोजन लेवल भी बढ़ता है. हर मामले में किसान ही इसका फायदा लेते हैं.  

यह भी पढे- ब्रिटिश काल के बाद फिर हो रही भारत में नील की खेती, किसानों को मिल रहा मुनाफा

अंतरराष्ट्रीय बाजार में नील की कीमत

अगर नील से ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो इन्हें विदेशी बाजारों में भी बेचा जा सकता है. अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार की बात करें तो वहां नील की कीमत 38 डॉलर प्रति किलो है. भारत में सबसे अधिक तमिलनाडु व छत्तीसगढ़ में नील की खेती होती है. वहां के किसान इस मामले में बहुत आगे पहुंच चुके हैं. इन राज्यों में नील की खेती हजारों एकड़ में होती है. जिससे किसानों को लाखों का मुनाफा होता है.

खेती का तरीका

यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि नील की खेती बलुई दोमट मिट्टी में कर सकते हैं. जमीन में पानी निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए. जल भराव की स्थिति में फसल खराब होने की संभावना होती है. इसकी खेती के लिए किसानों को बारिश की भी आवश्यकता पड़ेगी. कहा जाता है कि इसके पौधे बारिश के कारण तेजी से बढ़ते हैं. नील की खेती के लिए मौसम भी सामान्य होना चाहिए. ज्यादा गर्मी व अधिक ठंड में इसकी खेती करना मुश्किल है.
English Summary: Profit up to 35 thousand in the cost of 10 thousand! how to earn handsomely in indigo farming Published on: 21 April 2023, 02:33 PM IST

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