समतल हो या फिर पहाड़ी क्षेत्र हो फसलों को मौसम के कारण नुकसान हो जाता है. किसानों को भी हर फसल में इस समस्या का सामना करना पड़ता है. क्योंकि कभी कभी तो आवारा मवेशियों के द्वारा भी फसलें बर्बाद हो जाती है और किसान नुकसान उठाना पड़ता है. लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों के राज्यों में हर साल फसलें मौसम के कारण नष्ट हो जाती हैं. लेकिन आपकों बता दें कि हिमाचल प्रदेश की आईआईटी मंडी ने किसानों की समस्या का हल निकाल लिया है. आईआईटी ‘क्लाइमेट कंट्रोल एग्रीकल्चर योजना’ को शुरू करने जा रहा हैं.
इस योजना के तहत आधा बीघा जमीन पर पॉलीहाउस बनाए जाएंगे. जिनमें फसलों के मुताबिक सभी व्यवस्थाएं सुव्यवस्थित होंगी. सही तापमान, हवा, पानी होगा. ऐसी सुविधा मिलने से किसान अपनी मर्जी की खेती कर सकेंगे और लाखों की कमाई कर सकेंगे.
किसानों को करेंगे जागरुक
इस योजना पर आईआईटी मंडी और पालमपुर एग्रीकल्चर विवि दोनों मिलकर काम कर रही है. इसके तहत विशेषज्ञ किसानों को जागरुक करेंगे कि कैसे फसल को उगाएं व उससे संबंधित व्यवस्थाएं की जाएं. कैसे कम जगह पर फसलें उगाई जाएं, जिससे किसानों को ज्यादा से ज्यादा फायदा हो सकें. इसके अलावा विकसित नई प्रजातियों के बारे में उनको जानकारी दी जाएं.
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क्लाइमेट कंट्रोल एग्रीकल्चर योजना
क्लाइमेट कंट्रोल एग्रीकल्चर योजना के तहत हिमाचल प्रदेश में IIT द्वारा 30 पॉलीहाउस का निर्माण कराया जाएगा. वहीं IIT मंडी के वैज्ञानिकों का कहना है कि मानसून के कारण फसलें बर्बाद हो जाती हैं. लेकिन इस प्रोजेक्ट के तहत आने वाले समय में फसलों को बर्बाद होने से बचाया जा सकता है. और यह योजना किसानों के लिए अच्छी साबित होगी.
इससे खेत में कई फसलें उगाई जा सकती हैं जो कि किसानों के लिए फायदेमंद होगी.
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