
मौसम और जलवायु के बदलते किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. जैसे कभी ज्यादा गर्मी होती है, तो फसलों को पानी की ज्यादा आवश्यकता होती है. ऐसे में अगर खेती की सिंचाई में कमी रह जाए तो किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ जाता है. जलवायु परिवर्तन की वजह से उपजे इन्हीं चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए भारतीय कृषि वैज्ञानिक लगातार प्रयास करके गेंहू की ऐसी किस्मों को विकसित कर रहे हैं जिससे किसानों को बेहतर पैदावार मिले.
इसी क्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान यानी IARI के वैज्ञानिकों ने गेहूं की कई नई किस्में विकसित की हैं जिनमें- HD3410 पूसा जवाहर गेंहू, HD3388 पूसा यशोधरा गेंहू और HD3390 शामिल हैं.
HD3410 पूसा जवाहर गेंहू
गेंहू की ये किस्म मध्य भारत के लिए किसी वरदान से कम नहीं. जैसे कि आप जानते हैं गेंहू की बुवाई आमतौर पर नवंबर के महीने में की जाती है, लेकिन HD3410 पूसा जवाहर गेंहू किस्म की 20 अक्टूबर के बाद कभी भी बुवाई की जा सकती है. साथ इस किस्म को मध्य प्रदेश, दिल्ली के आसपास के मैदानी इलाकों के लिए ही विकसित किया गया है. साथ ही यह किस्म लगभग 66 से 67 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की औसत उपज देती है.
HD3388 पूसा यशोधरा गेंहू
यह गेंहू की उत्तम किस्म पूर्वी भारत के किसानों के लिए विकसित की गयी है. इस किस्म की खेती पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बगांल, उड़ीसा, असम, क्षेत्रों के लिए उत्तम मानी जाती है. इस किस्म की खासियत है ये गर्मी सहन करने की क्षमता रखती है यानी किसान जलवायु परिवर्तन में भी इस किस्म की बुवाई करके बड़ा मुनाफा कमा सकते हैं. साथ ही इस किस्म की उपज 52 से 68 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक जाती है. वहीं यह किस्म पत्ती रतवा, तना रतवा प्रमुख रोगों के खिलाफ मजबूत प्रतिरोधक क्षमता रखती है.
HD3390 गेंहू की किस्म
दिल्ली और एनसीआर (NCR) के किसानों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान यानी IARI ने HD3390 गेंहू की किस्म जारी की है जिसे समय पर सिंचित बुवाई के लिए बनाया गया है. साथ ही यह किस्म 62.36 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक की उपज देती है और अगर संभावित उपज की बात करें तो लगभग 71.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर देती है. इस किस्म में YR10 जीन मौजूद है जो रतवा जैसे रोगों से बचाव करता है. इस किस्म में 12 प्रतिशत प्रोटीन की मात्रा मौजूद है. यह किस्म दिल्ली एनसीआर के किसानों को कम लागत में बड़ा मुनाफा दे सकती है.
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