New variety of kaju: काजू की मांग बाजार में सबसे अधिक होती है. अगर किसान काजू की खेती/kaju ki kheti अच्छी से करते हैं, तो वह इसे अच्छी मोटी कमाई कर सकते हैं. वैज्ञानिकों के द्वारा काजू की कई उन्नत किस्मों को विकसित करती रहती है, जिससे काजू की उच्च पैदावार प्राप्त की जा सके. इसी क्रम में आज हम काजू की हाइब्रिड किस्म नेत्रा जंबो-2 की जानकारी लेकर आए हैं. काजू की नई किस्म नेत्रा जंबो-2/New variety of cashew Netra Jumbo-2 उच्च उपज देने वाला काजू हाइब्रिड किस्म है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि काजू की खेती/Cashew Cultivation लंबे समय से उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में कृषि अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार रही है. ऐसे में आइए आज के इस लेख में हम काजू की इस बेहतरीन किस्म के बारे में विस्तार से जानते हैं...
काजू की नेत्रा जंबो-2 किस्म की विशेषताएं
- नेत्रा जंबो-2 किस्म के काजू सेब गोल होते हैं और एक आकर्षक नारंगी-लाल रंग प्रदर्शित करते हैं.
- इसके प्रत्येक काजू का वजन लगभग 102 ग्राम तक होता है.
- इस किस्म के काजू नट और जूस उत्पादन दोनों के लिए फायदेमंद है.
- इस काजू के सेब में घुलनशील ठोस (TSS) सामग्री 11° ब्रिक्स है, जो चीनी सांद्रता का एक माप है, यह उन्हें मीठा बनाता है.
- इन सेबों में 72% तक जूस होता है, जो पेय उद्योग के लिए उनकी उपयुक्तता को रेखांकित करता है.
- प्रत्येक फल का वजन 10 से 12 ग्राम के बीच होता है और इसमें 29.3% का उच्च छिलका होता है.
- इनमें 11.16% चीनी होती है, जो मीठा स्वाद देती है, 24.77% प्रोटीन होता है और कुल वसा की मात्रा 47% होती है, जो उन्हें स्वस्थ वसा का एक समृद्ध स्रोत बनाती है.
- इसके अलावा, नट्स में काजू नट शेल लिक्विड (CNSL) की मात्रा 23.77% होती है, जो एक मूल्यवान उप-उत्पाद है.
नेत्रा जंबो-2 की उपज क्षमता
किसान काजू की नेत्रा जंबो-2 की खेती से प्रति पौधे 42.44 किलोग्राम उपज देने में सक्षम है. जैसे-जैसे पेड़ बड़े होते हैं, उनकी उपज क्षमता बढ़ती जाती है. जब पेड़ दस साल की उम्र तक पहुँचते हैं, तो वे प्रति पेड़ सालाना लगभग 10.86 किलोग्राम नट्स का उत्पादन कर सकते हैं.
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उम्र के साथ यह बढ़ी हुई उपज क्षमता नेत्रा जंबो-2 को उन किसानों के लिए एक बेहतरीन दीर्घकालिक निवेश बनाती है जो समय के साथ अपने रिटर्न को अधिकतम करना चाहते हैं.
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