देश में कृषि अब नई करवट ले रही है. नई तक़नीकों के इस्तेमाल और नये-नये अविष्कारों से खेती की दशा और दिशा दोनों बदल रही है. यही कारण है कि पारम्परिक कृषि कार्य करने वाले लोगों के अलावा आज की युवा पीढ़ी भी खेती की ओर आकर्षित हो रही है. पहले के दौर के मुक़ाबले आज खेती से आमदनी की अपार सम्भावनाएं हैं.किन्नू न सिर्फ़ संतरे जैसा दिखता है बल्कि इसके सारे गुण भी लगभग संतरे जैसे ही हैं. मौजूदा समय में हमारे देश के कई राज्यों जैसे- पंजाब, मध्यप्रदेश, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, राजस्थान में किन्नू की खेती (Kinnow Farming) की जाती है. पंजाब में पैदा होने वाली फ़सलों में किन्नू को प्रमुखता से गिना जाता है. भारत के लगभग हर क्षेत्र में किन्नू की खेती की जा सकती है. विटामिन सी (Vitamin C) से भरपूर इस फल की खेती करके आप बंपर कमाई कर सकते हैं. आज हम आपको किन्नू की खेती और उससे आमदनी के बारे में बताने जा रहे हैं.
ऐसे करें खेतीः
एक एकड़ भूमि में किन्नू के 111 पौधे लगाए जा सकते हैं.
मिट्टी- किन्नू फल की खेती चिकनी मिट्टी, दोमट मिट्टी में आसानी से की जा सकती है. ध्यान रहे कि जिस भूमि पर आप इस फल की खेती करने की सोच रहे हैं वहां जल निकास का उत्तम प्रबंध होना चाहिए, क्योंकि अगर खेत में जलजमाव की स्थिति होगी तो आपकी फ़सल के ख़राब होने की सम्भावना रहेगी. मिट्टी का pH लेवल 5.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए, इस पीएच मान वाली मिट्टी में पौधे अच्छी तरह विकसित होंगे.
तापमान और बारिश- किन्नू की फ़सल (Kinnow Farming) के लिए तापमान (Temperature) 13 से 37 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए. हार्वेस्टिंग तापमान 20 से 32 डिग्री सेल्सियस अच्छा माना जाता है. इस फ़सल के लिए 300 से 400 मिलीमीटर बारिश पर्याप्त है.
तुड़ाई- जनवरी से फ़रवरी के बीच जब आपके खेत में लगी किन्नू की फ़सल के फल आकर्षक लगने लगें तो समझ लीजिए कि अब आपकी फ़सल तैयार है. इस अवस्था में आपको इनकी तुड़ाई कर लेनी चाहिए.
सुखाएं- डंडी या कैंची की मदद से तुड़ाई करने के बाद आप फलों को धोएं फिर छांव में सुखा लें. ध्यान रहे कि फल को धूप में कतई न सुखाएं.
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पैदावार- किन्नू का एक पेड़ आपको तक़रीबन 75 से 180 किलो तक पैदावार दे सकता है.इसके बाद आपकी किन्नू की फ़सल बाज़ार में बिक्री को तैयार है. डिमांड ज़्यादा होने की वजह से आपको फल बेचने में परेशानी भी नहीं आएगी. बात देश की करें तो दिल्ली, कोलकाता, पंजाब, हैदराबाद, आदि जगहों पर इसकी मांग बहुत ज़्यादा है. वहीं विदेशों में श्रीलंका, बांग्लादेश, सऊदी अरब में भी किन्नू लोगों को बहुत पसंद है, इसलिए इन देशों में किन्नू की मांग बहुत ज़्यादा है.इसकी खेती करने पर किसान अच्छा फ़ायदा प्राप्त कर सकते हैं. 1 एकड़ में 111 पौधे लगाए जा सकते हैं और एक पेड़ से औसतन कम से कम 75 से 80 किलोग्राम और अधिकतम 180 किलोग्राम फल मिलता है. अगर एक पेड़ से औसतन 100 किलोग्राम पैदावार माना जाए तो एक एकड़ में लगे 111 पेड़ों से आपको 11,100 किलोग्राम फल मिल सकता है.
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