जापान के राष्ट्रीय फल ‘खुरमा’ की खेती की मदद से कश्मीरी किसानों की आमदनी में बेहतर इजाफा देखने को मिल रहा है. इस गैर-देशी फल को हाल ही में दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में लगाया गया है और यह किसानों की आमदनी बढ़ाने में सेब की तुलना में बेहतर परिणाम दे रही है. मालूम हो कि खुरमा की सबसे पहले खेती चीन में होती थी. हालांकि, मौजूदा वक्त में चीन, जापान, भारत और दक्षिण कोरिया समेत कई देशों में इसकी खेती हो रही है.
वहीं, खुरमा, कड़वा-मीठा, नारंगी रंग का होता है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, कश्मीर के कुलगाम में शब्बीर अहमद इटू ने अपने खेत में ख़ुरमा लगाया है. कुलगाम के सोनीगाम क्षेत्र से आने वाले, विविध शैक्षिक पृष्ठभूमि वाले, शब्बीर इस क्षेत्र में गैर-देशी पर्सिमोन यानी खुरमा की खेती कर रहे हैं.
खुरमा फल कई रोगों में कारगार
शब्बीर अहमद इटू के मुताबिक, उनके पिता हिमाचल प्रदेश से खुरमा फल के पौध लाए थे. शब्बीर ने कहा, “फल को सेब की तरह अधिक देखभाल या कीटनाशकों की आवश्यकता नहीं होती है. विटामिन सी से भरपूर इस फल का औषधीय महत्व बहुत अच्छा है. यह फल गर्भवती महिलाओं के लिए भी उपयोगी है, इसमें ऐसे गुण हैं जो ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाते हैं और जोड़ों के दर्द से राहत दिलाते हैं.”
100 रुपये किलो से अधिक में बिकता है खुरमा
उन्होंने आगे कहा, “इसको तैयार होने में लगभग दो साल लगे और अब इसका फल मिल रहा है. ये पौधे काफी हद तक सेब के पेड़ों की तरह बढ़ते हैं. इसके अलावा, इसका बाजार मूल्य आशाजनक है. कश्मीर में, यह फल अन्य फलों की तुलना में नया है, लेकिन हम इसे दिल्ली में सफलतापूर्वक सप्लाई कर रहे हैं, जहां इस फल का एक किलोग्राम 100 रुपये से अधिक में बिकता है.
डायोस्पायरोस काकी, जिसे आमतौर पर पर्सिमोन या खुरमा के नाम से जाना जाता है. इसका एक समृद्ध इतिहास है. वहीं इसकी जड़ें चीन में 2,000 साल से अधिक पुरानी हैं. आज, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया इस स्वादिष्ट फल के सबसे ज्यादा खेती करने वाले और सबसे बड़े उत्पादक बन गए हैं, जिससे पूर्वी एशियाई कृषि में इसका महत्व बढ़ गया है.
खुरमा (पर्सिमोन) फल के गुण
कई अध्ययनों से पता चला है कि खुरमा (पर्सिमोन) फल में निम्नलिखित गुण पाए जाते हैं-
● यह एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम कर सकता है.
● यह ब्लड प्रेशर को कम करने में सहायता कर सकता है.
● यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम कर सकता है.
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● इसमें ब्लड-शुगर को कम करने वाले गुण पाए जाते हैं.
● इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण भी होते हैं.
● एलर्जी की समस्या होने पर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.
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