भारत में किसानी करना सभी के बस की बात नहीं रह गई है. खेती करने के दौरान कई तरह के समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कभी अधिक बारिश, कभी ओले तो कभी अधिक ठंड खेत में लगे फसलों को बर्बाद कर देती है. हालांकि, फिर भी हमारे किसान भाई देश की सेवा और फसल उगाने में लगे रहते हैं.
किसान भाई चाहें तो फूलगोभी की खेती कर बंपर कमाई कर सकते हैं. लेकिन उन्हें यह जरूर पता होना चाहिए कि फूलगोभी की खेती कब करना चाहिए, उन्नत किस्में कौन-कौन सी हैं. साथ ही भूमि की तैयारी और सिंचाई कब-कब करें. तो आइए जानते हैं कैसे करें फूलगोभी की खेती.
यूं तो फूलगोभी की खेती पूरे भारतवर्ष में की जाती है, लेकिन बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब के किसान फूलगोभी की खेती से लाखों की कमाई कर रहे हैं. फूलगोभी से सब्जी, सूप या अचार बना सकते हैं. फूलगोभी में प्रोटीन की मात्रा भी अधिक रहती है. इसमें विटामिन बी पाई जाती है. अगर हमें निरोग रहना है, तो फूलगोभी का सेवन जरूर करना चाहिए.
फूलगोभी की उन्नत किस्में (Improved Varieties of Cauliflower)
आजकल बाजार में कई प्रकार की फूलगोभी की किस्में मौजूद हैं. लेकिन जब बात उन्नत किस्मों की आती है, तो उनमें पंत सुभ्रा, पूसा स्नोबाल, पंत गोभी-4, पूसा सिन्थेटिक सबसे आगे नजर आता है. इन किस्मों की खेती से लाखों की कमाई संभव है.
कब करें फूलगोभी की खेती (When to Cultivate Cauliflower)
फूलगोभी की अगेती खेती के लिए हमारे किसान भाई अप्रैल, मई या जून महीने को चुन सकते हैं. जबकि पछेती खेती के लिए अगस्त और सितंबर का महीना सबसे बढ़िया है. नर्सरी की तैयारी में अधिक से अधिक 25 से 30 दिनों का समय लगता है. इसके बाद हमारे किसाने भाई इसे पौधरोपण कर सकते हैं.
भूमि की तैयारी (Land Preparation)
फूलगोभी की खेती वैसे तो सभी प्रकार की भूमि में की जा सकती. लेकिन अच्छी जल निकास वाली दोमट या बलुई दोमट भूमि जिसमें जीवांश की प्रचुर मात्रा उपलब्ध हो, सबसे उपयुक्त माना जाता है. इसकी खेती के लिए अच्छी तरह से खेत को तैयार करना चाहिए. इसके लिए खेत को 3 से 4 जुताई करके पाटा लगाकर समतल कर देना चाहिए.
कैसे करें फूलगोभी की खेती? (How to Cultivate Cauliflower?)
अगेती में मध्य जून से जुलाई के प्रथम सप्ताह तक पौध डालकर पौध तैयार करके 45 सेंटी मीटर पंक्ति से पंक्ति और 45 सेंटी मीटर पौधे से पौधे की दूरी पर पौध डालने के 30 दिन बाद रोपाई करनी चाहिए. पिछेती फसल में मध्य अक्टूबर से मध्य नवम्बर तक पौध डाल देना चाहिए. 30 दिन बाद पौध तैयार होने पर रोपाई 60 सेंटी मीटर पंक्ति से पंक्ति और 60 सेंटी मीटर पौधे से पौधे की दूरी पर रोपाई करनी चाहिए.
कीटनाशक देना बेहद जरूरी (It is very important to give insecticides)
कई बार देखा यह गया है कि फूलगोभी के पौध सूख जाते हैं या पत्तियां पीली पड़ जाती हैं. इसकी रोकथाम के लिए नीम का काढ़ा को गोमूत्र के साथ मिलाकर अच्छी तरह मिश्रण तैयार कर लें. इसके बाद फसल पर छिड़काव करें.
सिंचाई प्रबंधन (Irrigation management)
पौधों की अच्छी बढ़त के लिए मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में नमी का होना बेहद जरूरी है. सितंबर के बाद 10 या 15 दिनों के अंतराल पर जरूरत के हिसाब से सिंचाई करते रहना चाहिए. ग्रीष्म ऋतु में 5 से 7 दिनों के अंतर पर सिंचाई करें.
कटाई के लिए तैयार (Ready to harvest)
फूलगोभी के रोपाई के बाद अगेती 60-70 दिन में काट सकते हैं. वहीं, पछेती खेती में फूलगोभी 110-180 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाती है. लेकिन याद रखें कि फूल गोभी को तभी काटे जब उसके फूल पूर्ण रूप से विकसित हो जाएं. फूल ठोस और आकर्षक होना चाहिए तभी किसान भाइयों को अच्छी कमाई होगी.
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