
टमाटर एक ऐसी सब्जी है जिसे हर कोई पसंद करता है, चाहे वह सलाद हो या सब्जी। इसकी खेती भारत के कई राज्यों में की जाती है। इसके प्रमुख उत्पादक राज्य हैं – आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और कर्नाटक। अगर किसान टमाटर की खेती करने का विचार कर रहे हैं, तो अक्टूबर का महीना इसके लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। इस समय मौसम सामान्य रहता है - न ज्यादा गर्म और न ज्यादा ठंडा। ऐसे अनुकूल मौसम में पौधों की वृद्धि और फल उत्पादन अधिक होता है।
टमाटर की उपयुक्त किस्में
अगर किसान टमाटर की खेती से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो उन्हें निम्न उन्नत किस्मों की बुवाई करनी चाहिए:
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पूसा रूबी
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अर्का विकास
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अर्का रक्षित
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नवीन
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पूसा हाइब्रिड-1
ये किस्में न केवल रोग प्रतिरोधी होती हैं, बल्कि इनमें गुणवत्ता वाले फल भी अधिक मात्रा में पैदा होते हैं।
प्रति हेक्टेयर 400 क्विंटल तक उत्पादन संभव
अगर किसान इन उन्नत किस्मों की वैज्ञानिक तरीके से देखभाल करें और उचित कृषि तकनीक अपनाएं, तो उन्हें 350 से 400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक टमाटर की पैदावार मिल सकती है। पारंपरिक खेती की तुलना में यह कई गुना अधिक उत्पादन और मुनाफा देने वाली साबित हो सकती है।
पौधे तैयार करने की विधि
इन किस्मों की सफल खेती के लिए किसानों को निम्न बिंदुओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए:
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टमाटर के बीजों की सबसे पहले नर्सरी में बुवाई करें।
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जब पौधे 20 से 25 दिन के हो जाएं, तब उन्हें खेत में रोपें।
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रोपाई करते समय पौधों के बीच 45 से 60 सेंटीमीटर की दूरी रखें।
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यह दूरी फसल में हवा और सूरज की रोशनी के लिए जरूरी है, जिससे रोग नियंत्रण में मदद मिलती है और पौधों की वृद्धि भी बेहतर होती है।
टमाटर की ये किस्में कितने दिनों में होती हैं तैयार?
अगर किसान इन उन्नत किस्मों की बुवाई करते हैं, तो वे कम समय में अच्छी आमदनी कमा सकते हैं। ये फसलें सिर्फ 70 से 90 दिनों में पककर तैयार हो जाती हैं। किसान दिसंबर से जनवरी के बीच अपनी फसल को बाजार में बेच सकते हैं और उच्च आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।
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