किसान अपने खेत में फसल का अधिक उत्पादन पाने के लिए बहुत सारे उपाय कर रहा है. जिससे किसान को कम लागत में बेहतर उत्पादन कर सके. अगर किसान ऐसे में वर्मी कम्पोस्ट इस्तेमाल करे तो वह अपनी फसल का बेहतर उत्त्पादन कर सकता है. वर्मी कम्पोस्ट के लिए 'बायोवेद कृषि प्रद्योगिकी एवं विज्ञान शोध संस्थान' में किसानों को प्रशिक्षण के साथ केचुंए भी दिये जा रहे हैं.
प्रबंधक निदेशक डॉ हिमांशु दूबे कहते है कि आजकल खाद बंनाने कि बहुत सी विधियाँ प्रचलन में है जिसमे सबसे प्रचलन में कम्पोस्ट, नाडेप या वर्मी कम्पोस्ट आदि है. जिसमे सबसे अधिक वर्मी कम्पोस्ट विधि प्रचलन में है. इस विधि की सबसे अहम बात तो यह है कि इस विधि से खाद अन्य विधियों कि तुलना में जल्दी तैयार हो जाती है और प्राप्त खाद की गुणवक्ता भी बेहतर होती है.
गोबर पौधे के स्वाथ्य के सबसे बेहतर विकल्प है कयोंकि गोबर में प्रचूर मात्रा में आवश्यक सभी सूक्ष्म तत्व संतुलित मात्रा में रहते है. इन सूक्ष्म तत्वों को पौधे बहुत ही सरलता से अवशोषित कर लेते है ये सूक्ष्मजीव मृदा में उपस्थित जैव-भार के विघटन का भी कार्य करते हैं.
प्लास्टिक की बोरी अथवा तिरपाल से बांस की सहायता से टटिया बनाकर वर्मी कमपोस्ट का निर्माण करते है. इस तरिके में बोरियों को खोलने के बाद उसमे कई मिलाकर बोरी की सिलाई कर देते है. उसके बाद बांस या लठ्ठे के सहारे चारो तरफ गोलाई में रखकर उसमे गोबर दाल दिया जाता है। गोबर में केंचुए डालकर टटिया विधि से वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया जाता है।
छायादार जमीन वाली जगह पर तीन-चार फिट की चौड़ाई और अपनी आवश्यकता के अनुरूप लम्बाई के बेड बनाए जाते हैं.न बेड़ों का निर्माण गाय-भैंस के गोबर, जानवरों के नीचे बिछाए गए घासफूस-खरपतवार के अवशेष आदि से किया जाता है। ढेर की ऊंचाई एक फुट तक रखी जाती है।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें 'बायोवेद कृषि प्रद्योगिकी एवं विज्ञान शोध संस्थान, इलाहाबाद :
Dr. B. K. Dwivedi
Director Bioved Research Institute of Agriculture & Technology Allahabad
103/42 Moti Lal Nehru Road (Prayag Station Road), Allahabad 211002, U.P.
Phone: 0532-2465678, 2467122
Mobile: 09839337124, 09839619729, 09450631645
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