देश में गेंहू की खेती हर राज्य में की जाती है. ऐसे ही उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के किसानों को यह फसल कम लागत में बढ़िया मुनाफा देने वाली फसल है. इस जिले के किसान गन्ने की कटाई के बाद गेंहू की पछेती बुवाई करते हैं और दिसंबर, जनवरी के महीने इस जिले के किसानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते है. ऐसे में जिन किसानों ने अभी तक गेंहू की बवाई नही की है, तो वह गेंहू की इन उत्तम किस्मों एचडी 3298, एच डी 3118 और एच डी 3117 की खेती कर मार्च के महीने में अच्छा उत्पादन कर सकते हैं.
आइए आगे इस लेख में पढ़ें गेंहू की इन टॉप 3 किस्मों की खासियत और कितनी देगी पैदावार-
एचडी 3298
एचडी 3298 गेहूं की इस किस्म को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR-IARI) द्वारा विकसित किया गया है. साथ ही किसान गेंहू की इन किस्म की बुवाई 1 दिसंबर से 10 जनवरी तक कर सकते हैं और कम समय में बढ़िया उपज प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा इस किस्म में उच्च मात्रा में प्रोटीन, आयरन पाया जाता है, जो सेहत के लिए भी लाभकारी होता है. वहीं, किसान अगर गेंहू की इस किस्म की बुवाई करते हैं, तो वह 39.0 से 47.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन कर बढ़िया लाभ कमा सकते हैं.
एच डी 3118
गेंहू की यह किस्म एच डी 3118 किसानों के लिए दिसंबर से जनवरी में बुवाई करने के लिए अच्छा विकल्प है, जिससे किसान भाई इसकी खेती करके उच्च-उपज प्राप्त कर सकते हैं. यह किस्म खासकर उत्तर-पूर्वी मैदानी क्षेत्रों उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल के किसानों के लिए लाभकारी किस्म है. वहीं, यह पीली और भूरी रतुआ (रस्ट) बीमारियों के प्रति प्रतिरोधी किस्म है, जो किसानों को मात्रा 112 दिनों के अंदर 66.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर का उत्पादन देने में सक्षम है.
एच डी 3117
गेंहू की यह किस्म भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR-IARI) द्वारा विकसित बेहद ही उत्तम किस्म है. साथ इस किस्म से रबी सीजन में किसान देर से बुवाई करके 109 दिनों में 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा इस किस्म की बाजारों में अधिक डिमांड बनी रहती है इसमें मौजूद पोषक तत्व प्रोटीन की अधिक मात्रा होने के कारण जिससे किसानों की भी अच्छी आमदनी हो जाती है. वहीं, अगर राजधानी क्षेत्र (NCR) और दिल्ली राज्यों के किसान इस फसल को अपनाते हैं, तो वह बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं.
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