देश के किसानों की आय दोगुना करने की हर एक कोशिश की जा रही है. इसलिए पिछले कुछ सालों से वैज्ञानिक किसानों को खेती की सहफसली तकनीक अपनाने की सलाह दे रहे हैं. इस तकनीक से किसान एक मुख्य फसल के साथ खेतों में 4-5 ऐसी फसल लगा सकते हैं जो कम समय में किसानों को ज्यादा मुनाफा देती हो, ऐसा करने से किसानों की मुख्य फसल की लागत तो निकल ही आएगी साथ में अतिरिक्त मुनाफा भी होगा. ऐसे में आपको गन्ने के साथ उगाई जाने वाली फसलों की जानकारी दे रहे हैं.
गन्ने के साथ उगाएं ये फसलें
कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर दया श्रीवास्तव के मुताबिक गन्ने के साथ लहसुन, अदरक, अलसी और मेंथा की फसलों के अलावा सब्जियों को भी लगाया जा सकता है. गन्ने की फसल को तैयार होने में 13-14 महीने लगेंगे ऐसे में कुछ फसलों को महज 60-90 दिनों के बीच में लगाकर और कटाई कर मुनाफा हासिल कर सकते हैं.
गन्ने के साथ लहसुन की खेती-
गन्ने के साथ लहसुन की खेती
सहायक फसल के रूप में करने के लिए लहसुन की प्रमुख प्रजाति यमुना सफेद-1, यमुना सफेद-2 और एग्रीफाउंड पार्वती लहसुन की कुछ उन्नत किस्म लगा सकते हैं. गन्ने की दो पंक्तियों के बीच 100 ग्राम NPS और 50 ग्राम पोटाश को जुताई के जरिए मिट्टी में मिला लें फिर भूमि को समतल कर लहसुन की बुवाई करें. लहसुन की पंक्ति से पंक्ति और कली से कली की दूरी 15 सेमी रखें. गन्ने की दो पंक्तियों के बीच धान का पुआल बिछा दें. ताकि खेत में नमी सुरक्षित रहें और खरपतवार नहीं निकले. फिर हल्की सिंचाई करें जिससे कुछ समय बाद धान का पुआल सड़कर जैविक खाद बन जाए.
गन्ने के साथ अदरक की खेती-
गन्ने के साथ सहायक फसल के रूप में अदरक लगाने के लिए क्यारियों को आधा फीट ऊंचा बनायें, जिनकी चौड़ाई लगभग 1 मीटर और लंबाई सुविधानुसार रखें. रोपाई करते समय गड्ढे में 25 ग्राम नीम की खली का पाउडर मिट्टी में मिलाएं फिर 25 सेमी लाइन से लाइन की दूरी और 20-25 सेमी कंद से कंद की दूरी पर रोपाई करें. 20-30 ग्राम कंद का उपयोग बुवाई के लिए करें. कंद बोने के पहले उसे अच्छी सड़ी गोबर की खाद और ट्राइकोडर्मा फफूंद के मिश्रण से उपचारित करें.
गन्ने के साथ अलसी की खेती-
सबसे पहले गन्ने की दोनो पंक्तियों के बीच खाली स्थान में गोबर, फास्फोरस, पोटाश, खाद की उचित मात्र डालकर जुताई भूमि समतल कर लें. फिर 5-7 किग्रा प्रति हेक्टेयर की दर से बीजों की बुवाई करें, कतार से कतार के बीच की दूरी 30 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 5-7 सेमी रखें. बीज को भूमि में 2 से 3 सेमी की गहराई में बोया जाता है.
गन्ने के साथ मेंथा की बुवाई –
इसके लिए गन्ने की बुवाई की कूड विधि उचित रहती है. ऐसा करने से मेंथा के लिए मेड़ विधि अपने आप मिल जाएगी, जो कि मेंथा के लिए समतल विधि की अपेक्षा बेहतर होगी. मेंथा की खेती के लिए 50 किलो नाइट्रोजन, 50 किलो फास्फोरस, 50 किलो पोटाश अतिरिक्त रूप से भूमि की ऊपरी सतह में मिलाएं. फिर 50 किलोग्राम/हेक्टेयर के हिसाब से नाइट्रोजन की दो बार और जरूरत पड़ती है, जिसे मेंथा लगाने के 35-40 और 50- 60 दिन बाद छिड़कना चाहिए.
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इन सब्जियों की कर सकते बुवाई-
गन्ने के साथ अन्य सब्जिओं की फसल जैसे पालक, मूली, आलू, धनिया, मसूर और मटर सहायक फसल के रूप में लगा सकते हैं. गन्ने की फसल तैयार होने तक सह फसलों की खेती से अतिरिक्त मुनाफा मिल जाता है.
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