1. Home
  2. खेती-बाड़ी

मोटे अनाज की ओर बढ़ा किसानों का रुझान, बीज खरीदने पर सरकार दे रही 50% सब्सिडी

मक्का की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को मक्का के बीज खरीदने के लिए लगभग 50 प्रतिशत तक सब्सिडी उपलब्ध करवाई जा रही है. वहीं श्री अन्न के लिए किसानों को मुफ्त में बीज की सुविधा दी जा रही है.

लोकेश निरवाल
मक्का की खेती, सांकेतिक तस्वीर
मक्का की खेती, सांकेतिक तस्वीर

मोटे अनाज और श्री अन्न की खेती के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी सहित अन्य सहयोग मिलने से अब बलिया जिले के किसानों का रुझान बढ़ा है. जिले में 35000 हेक्टर क्षेत्रफल में जहां मक्के की खेती हो रही है वही बहुत से किसान श्री अन्न कि ओर बढ़ें हैं. सरकार की ओर से मक्का के बीज पर 50% सब्सिडी दी जा रही है तो वहीं श्री अन्न के लिए किसानों को मुफ्त में बीज दिया गया है. मक्का की खेती अधिक होने पर स्वरोजगार के लिए सरकार की ओर से पाप कॉर्न मशीन भी दी जा रही है. खास बात तो यह है कि जिले में भी इसके लिए चार खरीद केंद्र भी बनाए जाते हैं. जिले में इसका उत्पादन तीनों सीजन में किया जाता है.

इसके अलावा जिले में कई किसान उत्पादक संगठन की ओर से भी श्रीअन्न की खेती कराई जा रही है. अधिक उत्पादन होने पर केंद्रीय बीज उत्पादन की ओर से खरीद भी की जाती है. जिला कृषि अधिकारी पवन कुमार प्रजापति ने बताया कि मोटे अनाज की खेती के लिए किसानों को जागरुक भी किया जा रहा है. सरकार की ओर से इसके लिए सब्सिडी के अलावा अन्य सुविधाएं दी जा रही है.

वही, जिले के किसानों के खेत की मिट्टी की सेहत बहुत खराब है. मिट्टी जांच में नाइट्रोजन एवं पोषक तत्वों की भारी कमी मिली है. कृषक इसी रिपोर्ट कार्ड के आधार पर उर्वरक का प्रयोग कर सकेंगे. कृषि विभाग की ओर से स्वास्थ्य हेल्थ कार्ड वितरित किया जाएगा. इसके साथ ही किसानों को जागरुक भी किया जाएगा. जागरूकता अभियान के माध्यम से किसान को अधिक से अधिक मात्रा में हरी खाद का प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा.

किसान श्री अन्न की खेती की ओर बढ़ रहे हैं, सांकेतिक तस्वीर
किसान श्री अन्न की खेती की ओर बढ़ रहे हैं, सांकेतिक तस्वीर

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय 19 फरवरी 2015 को मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना शुरू की थी. इसका उद्देश्य खेतों में मौजूद पोषक तत्वों की सटीक जानकारी देना है. देश के किसानों को 3 साल पर एस एचसी दिया जाता है ताकि जरूरत के हिसाब से उर्वरकों का प्रयोग करके कम लागत में अधिक पैदावार और मुनाफा लिया जा सके. वित्तीय वर्ष 24 व 25 में 17000 मृदा परीक्षण का लक्ष्य मिला है. अब तक 170 गांव के किसानों से शत प्रतिशत नमूना लिए जा चुके हैं.

11000 से अधिक कार्ड किए गए हैं प्रिंट: मिट्टी की जांच रिपोर्ट आने के बाद मृदा स्वास्थ्य कार्ड की प्रिंट करने की कार्य जारी है. अभी तक जिले के सभी ब्लॉक के 11093 किसानों का मृदा स्वास्थ्य प्रिंट हो चुका है. बांसडीह, गड़वार, चिलकहर, हनुमानगंज, मनियर, पंद्रह, रसड़ा और सोहांव विकास खण्ड में लक्ष्य के सापेक्ष शत् प्रतिशत मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी हो चुके हैं. उप कृषि निदेशक मनीष सिंह ने बताया कि जिन विकास खण्ड का अभी कार्ड प्रिंट नहीं हुआ है, उसे भी प्रिंट कराया जा रहा है. प्रिंट हो चुके कार्ड के कृषि संबंधित अधिकारी किसानों के घर पहुंचाएंगे और रिपोर्ट के अनुसार मार्गदर्शन भी देंगे.

मिट्टी में किस पोषक तत्व की कितनी कमी

नाइट्रोजन 92%, फास्फोरस 12%, पोटेशियम 80%, ऑर्गेनिक कार्बन 96%, सल्फर 69%, जिंक 63%, है.

लेखक: 
रबीन्द्रनाथ चौबे, ब्यूरो चीफ, कृषि जागरण, बलिया, उत्तरप्रदेश.

English Summary: Farmers inclination towards coarse grains increased up government is giving 50 percent subsidy on buying seeds Published on: 03 September 2024, 10:51 AM IST

Like this article?

Hey! I am लोकेश निरवाल . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News