भारत का वातावरण बहुत ही विविध है. यहां पर फलों और सब्जियों की खेती के लिए 10 से 15 डि़ग्री का तापमान उचित माना जात है. इसी कड़ी में हम आपको सेब, चेरी, बैर और कीवी की खेती के बारे में बताने जा रहे हैं और साथ ही इसके लिए उचित मिट्टी, कीटनाशक का उपयोग और खेती के तरीक के बारे में भी चर्चा करेंगे.
सेब
भारत में सेब की खेती हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और उत्तराखंड में बड़े स्तर पर की जाती है. सेब की खेती के लिए 15 से 25 डिग्री तक का तापमान उचित माना जाता है. इसके पेड़ के विकास के लिए ठंडे मौसम की आवश्यकता होती है. सेब की खेती को मुख्यत: रोपण विधि से की जाती है.
नाश्पाती
नाश्पाती की खेती हिमाचल और उत्तर प्रदेश में की जाती है. इसकी खेती के लिए अच्छी निकासी वाली मिट्टी और उच्च तापमान की आवश्यकता होती है.
चेरी
चेरी एक अन्य समशीतोष्ण फल है जो भारत के ठंडे क्षेत्रों में अच्छी तरह से बढ़ता है, इसकी मुख्य रूप से जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में खेती होती है. चेरी के पेड़ों को अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी और ठंडी, शुष्क जलवायु की आवश्यकता होती है. इष्टतम परिणामों के लिए बीजों की तुलना में ग्राफ्टेड पौधों को प्राथमिकता दी जाती है.
आड़ू
आड़ू एक स्वादिष्ट और पौष्टिक समशीतोष्ण फल है. इसकी खेती भारत में अच्छी तरह से बढ़ती जा रही है. यह हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और उत्तर प्रदेश में खेती की जाती है. आड़ू के पेड़ों को अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी और मध्यम तापमान की आवश्यकता होती है.
खुबानी
खुबानी भारत में भी अच्छी तरह से विकसित होती है. इसकी खेती मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और उत्तर प्रदेश में की जाती है. खुबानी के पेड़ों को अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी और मध्यम तापमान की आवश्यकता होती है.
कीवी
कीवी एक समशीतोष्ण फल है जो भारत में बेहद लोकप्रिय है. इसे मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में उगाया जाता है. कीवी के पौधों को अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी और मध्यम तापमान की आवश्यकता होती है.
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