हींग भारतीय खाने में प्रयोग होने वाला एक महत्वपूर्ण मसाला है. भारत में हींग की इतनी ज्यादा मांग है कि इसे दूसरे देशों से आयात करना पड़ता है. ऐसे में भारत के किसानों ने हींग की खेती शुरु कर दी है. जिससे उन्हें अच्छा दाम भी मिलता है और वह हींग को बाहर एक्सपोर्ट भी कर सकते हैं. अगर आप भी हींग की खेती शुरु करना चाहते हैं तो यह लेख आपके काम का है. इस आर्टिकल में हम आपको हींग की खेती से संबंधित पूरी जानकारी दे रहे हैं.
1- भारत में हींग की खेती व्यापक तौर पर नहीं होती. इसकी खेती के लिए रिसर्च चल रही है. हींग की खेती के लिए न ज्यादा ठंड की आवश्यकता होती है न ज्यादा गर्मी की. लेकिन इसकी खेती के लिए पहाड़ी क्षेत्र काफी उपयुक्त होते हैं. इसके पौधे 30 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान सहन कर सकते हैं. लेकिन ठंडा और शुष्क वातावरण फसल के लिए अच्छा होता है.
2- हींग की खेती के लिए उचित ज्ञान और प्रशिक्षण लेना जरुरी है. हींग के पौधों के निचले भाग मिट्टी के समीप प्रकंदो और ऊपरी ज़ड़ों से गोंद जैसा दूध निकलता है, इसे एकत्रित कर उपयोग किया जाता है.
3- इसकी खेती के लिए जल निकासी वाली बलुई मिट्टी सबसे अच्छी होती है. हल्की रेतीली, मिट्टी के ठेले और चिकनी मिट्टी में भी फसल उत्पादन हो सकता है. इसकी रोपाई के लिए अगस्त से सितंबर के बीच का समय सबसे उपयुक्त होता है.
4- पूरे विश्वभर में हींग की 130 किस्में उगाई जाती हैं, भारत में केवल 3 से 4 प्रजातियां ही उगाई जाती हैं. इसमें दूधिया सफेद हींग, जिसे काबुली सफेदा भी कहा जाता है. यह सफेद और पीले होती है. वहीं लाल हींग में काफी तीखी गंध होती है. सफेद हींग पानी में घुलती है जबकि लाल या काली हींग तेल में घुलती है. असली हींग को खाने लायक नहीं माना जाता. ऐसे में उसमें गोंद व स्टार्च मिलाकर बेचा जाता है.
5- हींग के पौधे पूरी तरह विकसित होने में करीब 4 से 5 साल लगते हैं. आप प्रति हेक्टेयर 2.5 क्विंटल तक हींग का उत्पादन ले सकते हैं. हींग के एक पौधे से 25-30 ग्राम गोंद मिलती है.
6- हींग की खेती में सबसे ज्यादा कठिनाई बीज खरीदने में आती है. हींग के बीज खरीदने से पहले कृषि वैज्ञानिक से सलाह लें. भारत में अभी हींग की खेती पर रिसर्च जारी है, इसलिये किसानभाई बागवानी विभाग या कृषि वैज्ञानिकों से सलाह-मशवरा कर सकते हैं. किसान हींग की खेती से जुड़ने के लिये नेशनल ब्यूरो ऑफ प्लांट एंड जेनेटिक विभाग से भी संपर्क करके जानकारी हासिल कर सकते हैं. यहां से पौधे मंगा कर किसी खेती की शुरुआत कर सकते हैं.
7- हींग की पौध बुवाई करते समय खेत की अच्छी तरह जुताई कर लेनी चाहिए. इसके अलावा हींग के पौधों के विकास के लिए अच्छी खाद की आवश्यकता होती है. ऐसे में अच्छी पोषक पदार्थ युक्त खाद का उपयोग करें ताकि पौधों का अच्छी तरह से विकास हो सके.
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8- हींग महंगे मसालों में से एक है. इसकी मांग भारत के अलावा विदेशों में भी है. हींग का बाजारी भाव 30,000 रुपये से 65,000 रुपये किलो तक रहता है. ऐसे में किसानभाई हींग की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
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