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स्मार्ट खेती का युग: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के साथ कृषि एवं बागवानी फसलों में रोगों की पहचान एवं प्रबंधन

AI ने कृषि और बागवानी फसलों के रोग प्रबंधन में एक नई दिशा प्रदान की है. इसकी मदद से रोगों की पहचान और नियंत्रण तेज, सटीक, और प्रभावी हो गया है. इसके व्यापक उपयोग से न केवल फसल हानि को रोका जा सकता है, बल्कि कृषि उत्पादकता और किसानों की आय में भी वृद्धि हो सकती है. सरकार, शोध संस्थान और किसानों के संयुक्त प्रयास से AI तकनीकों को और अधिक उपयोगी और सुलभ बनाया जा सकता है. सतत कृषि विकास के लिए AI का समावेश समय की मांग है.

डॉ एस के सिंह
Sustainable Farming with AI
स्मार्ट खेती का युग (Image Source: Pinterest)

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence या AI) आधुनिक तकनीकी युग में कृषि क्षेत्र का एक अभिन्न अंग बन गई है. प्लांट पैथोलॉजी (Plant Pathology) में AI का उपयोग रोगों की पहचान, निदान, और प्रबंधन को अधिक कुशल और सटीक बनाने के लिए किया जा रहा है. पारंपरिक तरीकों की तुलना में AI आधारित समाधान तेज, लागत प्रभावी, और अधिक सटीक हैं.

कृषि और बागवानी फसलों को प्रभावित करने वाले रोग हर साल वैश्विक स्तर पर बड़ी फसल हानि का कारण बनते हैं. इन रोगों की सटीक और समय पर पहचान और प्रभावी प्रबंधन कृषि उत्पादकता को बढ़ाने के लिए अत्यंत आवश्यक है. पारंपरिक तरीकों से रोगों की पहचान और नियंत्रण में समय और संसाधन अधिक लगते हैं. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) ने इस चुनौती का समाधान पेश किया है. AI आधारित तकनीकें तेज, सटीक, और कुशल रोग प्रबंधन को संभव बनाती हैं.

AI द्वारा रोगों की पहचान में भूमिका

  1. छवि विश्लेषण तकनीक (Image Analysis Techniques)
  •  पौधों की पत्तियों, फलों, और तनों की तस्वीरों का AI आधारित छवि विश्लेषण सटीक रूप से रोगों की पहचान कर सकता है.
  • स्मार्टफोन एप्लिकेशन, जैसे Plantix, किसानों को तस्वीर अपलोड करके रोग का निदान करने की सुविधा प्रदान करते हैं.
  1. ड्रोन और सेंसर आधारित निगरानी
  • ड्रोन खेतों की निगरानी करते हुए पौधों की तस्वीरें लेते हैं और AI एल्गोरिदम इन तस्वीरों का विश्लेषण करके रोग प्रभावित क्षेत्रों की पहचान करते हैं.
  • मल्टीस्पेक्ट्रल और हाइपरस्पेक्ट्रल कैमरों के माध्यम से सूक्ष्म लक्षणों का पता लगाया जा सकता है.
  1. आवाज और डेटा विश्लेषण
  • पौधों के स्वास्थ्य और रोग लक्षणों से संबंधित डेटा का विश्लेषण AI एल्गोरिदम द्वारा किया जाता है.
  • IoT उपकरणों द्वारा मिट्टी और पर्यावरणीय डेटा संग्रह कर रोग की पहचान में मदद की जाती है.

AI द्वारा रोग प्रबंधन में भूमिका

  1. निर्णय समर्थन प्रणाली (Decision Support Systems)
  •  AI आधारित सॉफ़्टवेयर किसानों को सटीक और समय पर प्रबंधन निर्णय लेने में मदद करते हैं.
  • यह तय करता है कि कौन-से रसायन, जैविक नियंत्रण, या अन्य उपाय किस समय पर उपयोग किए जाने चाहिए.
  1. रोग फैलाव का पूर्वानुमान (Disease Forecasting)
  • AI मॉडल मौसम, मिट्टी, और फसल डेटा का उपयोग करके यह अनुमान लगाते हैं कि किस क्षेत्र में कौन-सा रोग फैल सकता है.
  • यह किसानों को समय से पहले तैयारियां करने में मदद करता है.
  1. सटीक दवा और उर्वरक उपयोग (Precision Agriculture)
  • AI तकनीकें यह तय करती हैं कि कीटनाशकों और उर्वरकों की कितनी मात्रा किस क्षेत्र में डालनी चाहिए.
  • इससे लागत कम होती है और पर्यावरणीय प्रभाव भी घटता है.
  1. स्वचालित कृषि यंत्र (Automated Machinery)
  • AI आधारित रोबोट और मशीनें खेतों में रोगग्रस्त पौधों की पहचान करके उन्हें हटाने या उपचारित करने का कार्य करती हैं.
  • ये यंत्र कीटनाशकों और उर्वरकों का सटीक उपयोग सुनिश्चित करते हैं.

बागवानी फसलों में AI की विशेष भूमिका

बागवानी फसलें जैसे फल, सब्जियां, और फूल उच्च मूल्य की फसलें होती हैं, जो रोगों से अधिक संवेदनशील होती हैं.

  1. फलों की गुणवत्ता विश्लेषण
  • AI तकनीक फलों की सतह और रंग की जांच करके उनकी गुणवत्ता और रोग की संभावना का विश्लेषण करती है.
  1. फफूंद और बैक्टीरिया से बचाव
  • AI मॉडल यह पहचानते हैं कि कौन-से फफूंद या बैक्टीरिया फसलों पर हमला कर सकते हैं और उनका समय पर नियंत्रण करते हैं.

AI आधारित उपकरण और एप्लिकेशन

  1. फसल निगरानी उपकरण
  • CropIn और PrecisionHawk जैसे उपकरण फसलों के स्वास्थ्य और रोग के स्तर की निगरानी करते हैं.
  1. स्मार्टफोन एप्लिकेशन
  • Plantix और Agrio जैसे एप्लिकेशन फसल रोगों की पहचान और प्रबंधन सुझाव प्रदान करते हैं.
  1. ड्रोन आधारित सिस्टम
  • ये सिस्टम बड़े पैमाने पर खेतों की निगरानी करते हैं और रोग प्रभावित क्षेत्रों को चिह्नित करते हैं.

AI उपयोग में आने वाली चुनौतियाँ और समाधान

  1. चुनौती: सीमित संसाधन और लागत
  • समाधान: सस्ते और सरल AI उपकरण विकसित किए जाने चाहिए.
  • किसानों को वित्तीय सहायता और सब्सिडी प्रदान की जानी चाहिए.
  1. चुनौती: तकनीकी जानकारी का अभाव
  • समाधान: ग्रामीण क्षेत्रों में AI के उपयोग के लिए प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए.
  1. चुनौती: डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी
  • समाधान: ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी और डिजिटल उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए.

उदाहरण

  1. फसल रोग पहचान
  • भारत में, ICAR द्वारा विकसित एग्री-इंफॉर्मेटिक्स मॉडल फसल रोगों की पहचान में मदद कर रहे हैं.
  1. सटीक रोग प्रबंधन
  • अमेरिका में, फसल प्रबंधन के लिए AI आधारित सिस्टम जैसे Blue River Technology का उपयोग किया जा रहा है.
English Summary: Ai disease management agriculture horticulture crops Published on: 31 December 2024, 05:27 PM IST

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