भारत में पावर प्रोडक्ट्स की अग्रणी विनिर्माता कंपनी होण्डा इंडिया पावर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (एचआईपीपी) ने देश में अपने परिचालन के शानदार 35 वर्ष पूरे कर लिए हैं. इस यादगार सफर के दौरान एचआईपीपी ने देश एवं विदेश में 50 लाख से ज्यादा ग्राहकों के चेहरे पर मुस्कान दी है. 'एम्पावर पीपुल टु डू बेटर' के अपने विजन के साथ कंपनी अपने ग्राहकों की प्रगति में भरोसेमंद साथी बनकर उभरी है.
एचआईपीपी ने भारत में अपना पहला उत्पाद पोर्टेबल जनरेटर ईएम650 लॉन्च किया था. करीब 100 डीलरशिप के मजबूत नेटवर्क के साथ कंपनी ने तब से पोर्टेबल वाटर पंप, जनरल परपज इंजन, पावर टिलर्स, ब्रश कटर्स एवं लॉन मूवर्स जैसे उत्पादों की विस्तृत रेंज लॉन्च की है, जिसमें इसे 600 से ज्यादा चैनल पार्टनर्स का साथ मिला है. कंपनी की कुल बिक्री ने 2003 में 10 लाख यूनिट का आंकड़ा पार किया था. 2017 में 40 लाख का आंकड़ा पार करने के बाद 2020 में यानी तीन साल के छोटे से समय में ही कंपनी ने 50 लाख की बिक्री का आंकड़ा भी पार कर लिया. भारत के घरेलू बाजार से इतर एआईपीपी के उत्पाद यूएसए, यूरोप और जापान जैसे विकसित देशों समेत करीब 50 देशों में निर्यात होते हैं.
होण्डा इंडिया पावर प्रोडक्ट्स लिमिटेड के सीएमडी, प्रेसिडेंट एवं सीईओ ताकाहिरो यूएडा ने कहा, 'जिस साल हमने ग्राहकों की सेवा में समर्पण के 35 साल पूरे किए, उसी साल में 50 लाख यूनिट्स की बिक्री का आंकड़ा पार करने का हमें गर्व है. हम पर हमारे ग्राहकों के भरोसे ने हमें लगातार इनोवेशन करनें और बेहतर कीमत पर उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए प्रेरित किया. यह एक शानदार सफर रहा है और हम आगे भी अपने ग्राहकों को नवीनतम टेक्नोलॉजी के साथ बेजोड़ उत्पाद उपलब्ध कराते रहेंगे.'
एचआईपीपी ने 1985 में भारतीय बाजार में कदम रखा था. यह भारत में कदम रखने वाली शुरुआती बड़ी जापानी कंपनियों में से थी. यहां कदम रखने के बाद से ही इसने भारत एवं जापान के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने में भूमिका निभाई है. शुरुआत से ही कंपनी पावर बैकअप, कृषि एवं कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में देशभर में अपने ग्राहकों को इनोवेटिव, ईको फ्रेंडली और अपनी श्रेणी के सर्वश्रेष्ठ उत्पाद उपलब्ध करा रही है.
एक जिम्मेदारी कॉरपोरेट के तौर पर कंपनी ने सामुदायिक विकास के कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया है और अपनी ग्रेटर नोएडा स्थित फैक्ट्री में रोजगार के अवसर बनाने में मदद की है. एचआईपीपी नियमित तौर पर देश के विभिन्न हिस्सों में आपदा राहत कार्यों में योगदान देती रही है. हाल में कंपनी ने कोविड-19 महामारी से लड़ने की दिशा में अहम सहयोग दिया.
होण्डा इंडिया पावर प्रोडक्ट्स लिमिटेड के शनदार 35 साल का सफर :
वर्ष |
माह |
उपलब्धि |
1985 |
सितंबर |
संयुक्त उद्यम के तौर पर एचआईपीपी ने कदम रखा |
1988 |
फरवरी |
रुद्रपुर, उत्तराखंड में पोर्टेअल जनरेटर्स की मैन्युफैक्चरिंग शुरू हुई |
1989 |
मार्च |
निर्यात की शुरुआत हुई |
1991 |
फरवरी |
केरोसीन से चलने वाले इंजन का उत्पादन शुरू किया |
1992 |
फरवरी |
पोर्टेबल वाटर पंप के साथ कृषि क्षेत्र में कदम रखा |
1995 |
सितंबर |
पुडुचेरी में दूसरा विनिर्माण संयंत्र स्थापित किया |
2000 |
दिसंबर |
विनिर्माण को उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा स्थित फैक्ट्री में समेकित किया गया |
2003 |
नवंबर |
एचआईपीपी की बिक्री का आंकड़ा 10 लाख पर पहुंचा (घरेलू एवं निर्यात) |
2007 |
जुलाई |
4 स्ट्रोक ब्रश कटर लॉन्च किया |
2009 |
अप्रैल |
एचआईपीपी की बिक्री का आंकड़ा 20 लाख पर पहुंचा (घरेलू एवं निर्यात) |
2011 |
जनवरी |
पावर टिलर की बिक्री प्रारंभ की |
दिसंबर |
एडवांस्ड इन्वर्टर जनरेटर सीरीज की बिक्री शुरू हुई |
|
2013 |
फरवरी |
जीएक्स इंजन का उत्पादन प्रारंभ किया |
2013 |
अप्रैल |
एचआईपीपी की बिक्री का आंकड़ा 30 लाख पर पहुंचा (घरेलू एवं निर्यात) |
2015 |
अप्रैल |
पावर टिलर एफ300 का उत्पादन प्रारंभ किया |
2017 |
मई |
एचआईपीपी की बिक्री का आंकड़ा 40 लाख पर पहुंचा (घरेलू एवं निर्यात) |
2019 |
नवंबर |
केरोसीन से चलने वाले मॉडल का उत्पादन बंद कर दिया गया |
2020 |
मार्च |
संयुक्त उद्यम समाप्त हुआ |
सितंबर |
35वीं वर्षगांठ |
|
दिसंबर |
कुल बिक्री का आंकड़ा 50 लाख के पार पहुंचा (घरेलू एवं निर्यात) |
Share your comments