उपभोक्ता मामलो के मंत्री रामविलास पासवान ने एफएमसीजी सेक्टर की सभी कंपनियों को उनके सभी उद्पादो को जानकारी हिंदी या उस क्षेत्र की स्थानीय भाषा प्रसारित करने का आग्रह किया है. उन्होंने ने सभी कंपनियों ने अपने ग्राहकों को ध्यान में रखते हुए स्वतः उस दिशा में प्रयास करे जो उनके ग्राहक चाहते हैं।
पासवान ने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता है कि वह उपभोक्ता के हित में काम करे. ऐसे में कंपनियो को चाहिए की वो मंत्रालय के साथ मिलकर इस दिशा में अपना सहयोग प्रदान करे. उन्होंने उद्योग संगठन फिक्की के कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत में बहुत सी भाषा बोली जाती है उधोग जगत की कम्पनियों को उनके प्रोडक्ट लेबलिंग में हिंदी के साथ उस क्षेत्र में व्यापक रूप से बोली जाने वाली क्षेत्रीय भाषा के प्रयोग के दिशा में भी छापना चाहिए। चीन, जापान और यूरोपीय संघ के देशों में उत्पादों पर लेबल उनकी स्थानीय भाषाओं में लगा होता है। वहीं भारत में हम लगातार इसके लिए अंग्रेजी का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। अब तो ऐसा लगने लगा हमारे पास इंग्लिश के आलावा और कोई भाषा ही नहीं जानते है.
केंद्रीय मंत्री ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि हम मानते है कि पानी की बोतल पर सभी जानकारी हिंदी और स्थानीय भाषा में नही दे सकते लेकिन इतना तो कर ही सकते है की उस ब्रांड का नाम हिंदी में दें. आप को बता दे कि मंत्री ने इस तरह की कोई भी व्यवस्था को सरकार द्वारा लागू करने से साफ मना कर दिया है। मंत्री कहा कि सभी कंपनियों को इसे अपने विवेक से अपनाना चाहिए। पासवान कहा कि सभी कंपनियों के द्वारा ग्राहकों को भेजे जाने वाले नोटिस भी उस क्षेत्र की स्थानीय भाषा में होनी चाहिए। उपभोक्ताओं के हित सरकार ने बहुत से कदम उठाए है उन्होंने कहा की उत्पादों की सुरक्षा व मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए नया भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) कानून लाया गया है. इसमें यह निश्चित किया गया है की उत्पादों की गुणवत्ता वैश्विक मानको के अनुरूप है या नहीं.
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