भारत में कृषि करने के तरीके और आयाम समय के अनुरूप बदल रहे हैं। किसान कृषि की नई तकनीकों को अपनाते जा रहे हैं जैसे-जैसे खेती करने के तरीकों में बदलाव हुए हैं, तो उससे कृषि उत्पादन पर भी प्रभाव पड़ा है। कृषि उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ समस्याए भी बढ़ी हैं। मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होना, कीटों का प्रकोप बढ़ना और पोषक तत्वों की कमी आदि समस्याएं बढ़ी है। इन सब समस्याओं का सुधार करने में कृषि क्षेत्र की बड़ी-बड़ी कंपनियां काम कर रही हैं। ऐसे में देश की जानी-मानी कृषि कंपनी एचपीएम काफी सराहनीय कार्य कर रही है जिसके चलते कंपनी किसानों को कीटनाशक, फफूंदीनाशक, खरपतवारनाशक और प्लांट ग्रोथ प्रमोटर उत्पाद उपलब्ध करा रही है।
कंपनी का उत्पाद देवसेना किसानों के मध्य काफी लोकप्रिय है। यह एक कीटनाशक है जो थायोमेथोक्सोम तत्व वाला बहुआयामी उत्पाद है। जिसका प्रयोग मिट्टी पर किया जाता है। यह रसचूसक और चबाने वाले कीटों पर शीघ्र नियंत्रण करके सीधे पौधों की जड़ों पर असर दिखाकर उनको मजबूत करता है। इसके इस्तेमाल से लम्बे समय तक कीटों पर नियंत्रण रहता है और पैदावार में वृद्धि होती है। इस उत्पाद को मूंगफली, धान, गन्ने और कपास पर इस्तेमाल किया जाता है। यह मुख्य रूप से दीमक, तना छेदक, हरे पत्ती का फुदका, भूरा फुदका, तेला और माहू को नियंत्रित करता है। उत्पाद यह पानी में घुलनशील है।
इसको गन्ने में इस्तेमाल करने के लिए 64 ग्राम दवा 200-400 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से स्प्रे करें। धान में 60 ग्राम देवसेना लेकर 200 मि.लि. पानी में मिलाकर 8 किलोग्राम रेत के साथ छिड़काव करेंगे। कपास में 50 ग्राम कीटनाशक लेकर 200 लिटर पानी में मिलाकर 100 मि.लि. प्रति पौधा छिड़काव करें। मूंगफली में 200 से 400 लिटर पानी में 50 ग्राम देवसेना की मात्रा लेकर छिड़काव करें।
यह उत्पाद किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रहा है यानी देवसेना एक ही बार में सब पर वार करके पूरी फसल को बचा लेता है। यह कई फसलों के हानिकारक कीड़ों को नियंत्रित करके फसल को मजबूत और पैदावार में बढ़ात्तरी देने में मदद करता है। यह एक असरकारक उत्पाद है।
भारत में मैन्कोजेब का उत्पादन जल्द करेंगे
एचपीएम कृषि रसायन के क्षेत्र में तेजी से बढ़ती भारतीय कंपनी है। किसानों के मध्य हमारी कंपनी ने पिछले कुछ सालों में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। हालांकी तो एचपीएम किसानों के लिए काफी कार्य कर रही है ताकि किसान अच्छा उत्पादन ले सकेंगे।
मेरा मानना है कि देश में अच्छी गुणवत्ता वाले कृषि रसायनों की जरुरत है इसलिए एचपीएम का लक्ष्य किसानों को गुणवत्ता वाले उत्पाद उपलब्ध कराना है। “मेक इन इंडिया” लक्ष्य के तहत कंपनी कई मोलीक्यूल का निर्माण भारत में कर रही है और अब मैन्कोजेब का एक प्लांट लगाने जा रही है। आने वाले 15 महीनों के अन्दर मैन्कोजेब को भारत और अंतरराष्ट्रीय बाजार में किसानों के लिए उपलब्ध कराएगी। इसके लिए कंपनी पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
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