Wheat Price: देश में गेहूं की बढ़ती मांग और कम आवक के चलते इसके दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. बढ़ती मांग के चलते गेंहू पर महंगाई का असर भी साफ तौर पर देखा जा सकता है. देशभर की मंडियों में गेहूं के दामों में लगातार तेजी बनी हुई है और इसके भाव 8 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गए हैं. आलम ये है की देश की कई मंडियों में गेहूं MSP से लगभग दोगुने दाम पर बिक रहा है
देश में गेहूं की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने इसके निर्यात पर रोक भी लगा रखी है. इसके बावजूद कीमतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक ओर जहां गेहूं की कीमतों में लगातार वद्धि हो रही है, तो वहीं इस वद्धि का फायदा किसानों को भी हो रहा है. किसानों को उनकी उपज के अच्छे दाम मिल रहे हैं. आइए आपको देश की उन टॉप पांच मंडियों के बारे में बताते हैं जहां गेहूं सबसे ज्यादा कीमत पर बिक रहा है.
4200 हजार प्रति क्विंटल में बिक रहा गेहूं
गेहूं की बढ़ती कीमत का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं की कर्नाटक की शिमोगा मंडी में गेहूं MSP से लगभग दोगुने दाम पर बिक रहा है. मौजूदा वक्त में केंद्र सरकार गेहूं पर 2275 रुपये की एमएसपी दे रही है. जबकि, कर्नाटक की शिमोगा मंडी में गेहूं 4200 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रहा है. केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय के एगमार्कनेट पोर्टल के अनुसार, सोमवार (12 दिसंबर) को शिमोगा मंडी में सुपर फाइन किस्म का गेहूं न्यूनतम 3800 रुपये प्रति क्विंटल, जबकि अधिकतम 4200 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिका.
इसी तरह सोमवार को महाराष्ट्र की कल्याण मंडी में शरबती किस्म का गेहूं न्यूनतम 2950 रुपये प्रति क्विंटल, जबकि अधिकतम 3950 रुपये/क्विंटल के हिसाब से बिका. महाराष्ट्र की ही नागपुर मंडी में शरबती किस्म का गेहूं सोमवार को न्यूनतम 3000 और अधिकतम 3500 रुपये/क्विंटल के हिसाब से बिका. इसके अलावा गुजरात की मंडियों में भी गेहूं महंगे दामों पर बिक रहा है. गुजरात की सिद्धपुरट मंडी में सोमवार को गेहूं की हाइब्रिड किस्म न्यूनतम 2400 और अधिकतम 3315 रुपये/क्विंटल के हिसाब से बिकी. जबकि, पालिताना में हाइब्रिड किस्म न्यूनतम 2480 और अधिकतम 3250 रुपये/क्विंटल की दर से बिकी. वहीं, देश की राजधानी दिल्ली की आजादपुर मंडी में गेहूं 2,750 रुपये क्विंटल के हिसाब से बिक रहा है.
अभी और बढ़ेंगे गेहूं के दाम
व्यापारियों का कहना है कि गेहूं की लगातार बढ़ रही मांग और इसकी कम आवक के चलते इसके दामों में बढ़ोतरी हो रही है. हालांकि, गेहूं की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने इसके निर्यात पर रोक लगा रही है. जिसका कोई फायदा होता नजर नहीं आ रही है. व्यापारियों का कहना है कि जब तक बाजार में नई फसल नहीं आ जाती तब तक गेहूं के दाम बढ़ते रहेंगे. इस हिसाब से देखें तो गेहूं के दाम अगले साल अप्रैल से पहले कम होते नहीं दिख रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि गेहूं आगे और महंगा हो सकता है. हालांकि, सरकार भी गेहूं के दाम कम करने के लिए अपना बफर स्टॉक बेच रही है.
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